एके 203 असॉल्ट राइफल में क्या खास है
कलाश्निकोव असॉल्ट राइफल दुनिया में सबसे ज्यादा इस्तेमाल होने वाली राइफल हैं. सुरक्षाबलों और विद्रोहियों की पहली पसंद का नया संस्करण एके 203 भारतीय सुरक्षाबलों का प्रमुख हथियार बनने जा रहा है. क्या खास है एके 203 में.
पुरानी सीरीज का विस्तार
एके 203 इससे पहले आ चुकी एके 100 सीरीज का परिस्कृत संस्करण है. इसमें पुरानी कुछ कमियों को दूर कर इसकी मारक क्षमता और इस्तेमाल को बेहतर बनाया गया है. नई राइफल हल्की होने के साथ ही कई नई सुविधाओं से भी लैस है.
आकार और भार
खाली मैगजीन के साथ इसका भार 4.1 किलो है. लंबाई 880 मिलीमीटर जबकि बट को फोल्ड कर दें, तो लंबाई 705 मिलीमीटर. बैरल की लंबाई 415 मिलीमीटर है.
मारक क्षमता
यह राइफल एक मिनट में 600 गोलियां दाग सकती है. सेमीऑटोमैटिक और ऑटोमैटिक दोनों मोड में यह राइफल काम करती है. मैगजीन में एक बार 30 गोलियां भरी जा सकती हैं.
हमले की रेंज
एके 203 से निकली 7.26 एमएम की गोलियां 400 मीटर की दूरी पर मौजूद निशाने को छलनी कर सकती हैं. हालांकि अपुष्ट खबरों में इनकी रेंज 500-800 मीटर तक बताई जा रही है.
ताबड़तोड़ फायरिंग
एके 203 समेत कलाश्निकोव राइफलों की एक बड़ी विशेषता है उनका कभी भी जाम ना होना. दूसरे राइफलों के लिए यह बात उतने पक्के तौर पर नहीं कही जा सकती. एक सेकेंड में 10 बुलेट यानी 3 सेकेंड में मैगजीन खाली. निशाने का हाल क्या होगा समझा जा सकता है.
एडजस्टेबल फोल्डिंग बट
एके 200 सीरिज की सभी राइफलों में एडजस्टेबल फोल्डिंग बट है जो एर्गोनॉमिक पिस्टल ग्रिप से लैस है. यह राइफल की पकड़ को सुरक्षित और मजबूत बनाता है.
सेफ्टी टैब
राइफल को दुर्घटनावश चलने से बचाने के लिए इसमें सेफ्टी टैब नए तरीके का है. यह ट्रिगर फिंगर को ऐसी स्थिति में दबने से रोकता है और राइफल को अवांछित इस्तेमाल से बचाता है.
पिकेटिनी रेल
राइफल के अपर और लोअर हैंडगार्ड पर पिकेटिनी रेल है जिन पर टेलिस्कोपिक लेंस लगाए जा सकते हैं. पुराने संस्करणों में इसके ना होने की वजह से स्नाइपर इसका इस्तेमाल नहीं कर पाते थे. एके 203 में यह कमी दूर हो गई है.
खोलना आसान
इस राइफल के हिस्सों को अलग करना बेहद आसान है. ऊपरी हिस्से में लगे रोटेटिंग लैच को हल्का सा घुमाकर इसे खोला जा सकता है, इसके बाद इसके पुर्जे अलग करना चुटकियों का काम है.
साइलेंसर
इस सीरिज की सभी राइफलों में साइलेंसर लगाए जा सकते हैं. सुपरसोनिक एम्युनिशन के लिए बने खास साइलेंसर इस हथियार को एकदम बेआवाज बना सकते हैं.
कलाश्निकोव की विरासत
बेहद मारक साथ ही हल्का और टिकाऊ होना एके राइफलों की खास पहचान रही है. इस्तेमाल में आसान और नए एसेसरिज जोड़ कर इन हथियारों को और मारक और आकर्षक बना दिया गया है. एके 203 मिखाइल कलाश्निकोव की विरासत को एक कदम और आगे ले जाती है.