एप्पल को करोड़ों का हर्जाना दे सैमसंग
२२ नवम्बर २०१३ज्यूरी ने माना कि सैमसंग के स्मार्टफोन के 13 पुराने मॉडलों में एप्पल के पेटेंट की चोरी की गई. फोन के आकार और टच स्क्रीन पर दो अंगुलियों की मदद से जूम करने की तकनीक सैमसंग ने एप्पल की नकल मारी.
इस मुकदमे के लिए एप्पल ने 38 करोड़ का हर्जाना मांगा था. आईपॉड, आईफोन, आईपैड और मैक कंप्यूटर बनाने वाली अमेरिकी कंपनी के मुताबिक सैमसंग की पेटेंट चोरी की वजह से आईफोन की बिक्री पर असर पड़ा. सैमसंग ने उससे बाजार का बड़ा हिस्सा छीना, जिसके एवज में इतना हर्जाना मिलना चाहिए.
इसके जवाब में सैमसंग ने 5.2 करोड़ डॉलर का हर्जाना भरने की इच्छा जताई थी. कोरियाई कंपनी का कहना है कि उसके ज्यादातर ग्राहकों ने स्मार्टफोन सिर्फ जूम इन फीचर की वजह से नहीं खरीदा.
फैसले के बाद एप्पल की प्रवक्ता क्रिस्टीन हगेट ने कहा, "एप्पल के लिए ये मुकदमा हमेशा पेटेंट और पैसे से कहीं ज्यादा का था. उन मूल्यों का दाम लगाना असंभव है. हम शुक्रगुजार हैं कि ज्यूरी ने सैमसंग को दिखा दिया कि नकल करने की भी कीमत होती है."
एप्पल और सैमसंग के बीच अमेरिका, यूरोप और ऑस्ट्रेलिया समेत दुनिया के कुछ और देशों में अदालती लड़ाई छिड़ी हुई है. दोनों एक दूसरे पर कई पेटेंट चुराने के आरोप लगाते हैं. इससे पहले एक दूसरी अमेरिकी अदालत ने भी दक्षिण कोरियाई कंपनी को एप्पल को 1.05 अरब डॉलर का हर्जाना देने का आदेश दिया था. हालांकि बाद में उसी अदालत ने हिसाब किताब में भूल चूक का हवाला देते हुए रकम को 45 करोड़ डॉलर कर दिया. सैमसंग का कहना है कि वो अदालत के दोनों आदेशों के खिलाफ अपील करेगी.
अमेरिका में दोनों के बीच चल रहे तीसरे मुकदमे की सुनवाई मार्च में होनी है. एप्पल का आरोप है कि सैमसंग ने अपने नए फोन सैमसंग गैलेक्सी एस 3 में भी उसकी तकनीक चुराई है.
एप्पल और सैमसंग दुनिया के दो सबसे बड़े स्मार्टफोन निर्माता हैं. दोनों 300 अरब डॉलर के विश्व बाजार के लिए लड़ रहे हैं. इस तरह के हर्जानों से दोनों कंपनियों को आर्थिक रूप से भले ही बड़ा नुकसान न हो, लेकिन मामला प्रतिष्ठा का है. बाजार में विश्वसनीयता का है. दोनों कंपनियां अब स्मार्ट वॉच बाजार का रुख कर रही हैं, ऐसे प्रतिष्ठा शुरुआती बढ़त दिलाएगी. भविष्य में भी दोनों कंपनियां जो भी प्रोडक्ट लॉन्च करेंगी, उसकी शुरुआती बिक्री कंपनी की साख से ही उछलेगी.
ओएसजे/एनआर (एपी)