एबटाबाद: मेजरों के शहर में लादेन का खेल खत्म
२ मई २०११आखिरी बार एबटाबाद 2005 में सुर्खियों में आया था. कश्मीर घाटी में आए भूंकप के दौरान शहर में काफी तबाही हुई. अब पाकिस्तान के पूर्व सैन्य अफसरों का पसंदीदा रिहायशी शहर लादेन की मौत की वजह से सुर्खियों में है. 1853 में इस शहर को ब्रिटिश सैन्य अफसर मेजर जेम्स एबट ने बसाया था. उन्होंने यहां सैन्य छावनी बनाई. गर्मियों में एबटाबाद का मौसम सुहाना रहता है इस वजह से एबटाबाद को सैन्य गतिविधियों का केंद्र बना दिया गया.
1947 में भारत-पाकिस्तान विभाजन के बाद पाकिस्तान की सेना ने एबटाबाद को सैन्य गतिविधियों वाले शहर की तरह ही महत्व दिया. इस्लामाबाद से आधे घंटे की दूरी पर बसे इस शहर को राजधानी की सुरक्षा से जोड़कर भी देखा गया. खैबर पख्तून ख्वा प्रांत का यह शहर भारतीय सीमा से भी ज्यादा दूर नहीं है.
एबटाबाद कभी पाकिस्तान का मशहूर पर्यटक केंद्र रहा. खूबसूरत पहाड़ों और झीलों की वजह से वहां खूब सैलानी जाया करते थे. लेकिन तालिबान और आतंकवाद के प्रभाव के कारण एबटाबाद धीरे धीरे पर्यटन के नक्शे पर मध्यम पड़ता चला गया. दो मई 2011 ने लादेन और उसकी मौत ने मेजर एबट के बसाए इस शहर को हमेशा के लिए बदनाम कर दिया.
रिपोर्ट: एजेंसियां/ओ सिंह
संपादन: उभ