एयर इंडिया के हड़ताली पायलटों से बातचीत विफल
२८ अप्रैल २०११उड़ानों के रद्द होने से सात अंतरराष्ट्रीय उड़ानों पर भी असर पड़ा है. कंपनी के प्रवक्ता कंवलजीत रतन ने कहा कि हालात को देखते हुए एयर इंडिया अगले मंगलवार तक कोई भी बुकिंग नहीं लेगी.
गुरुवार शाम एयर इंडिया और हड़ताल कर रहे पायलटों के बीच मुख्य श्रम आयुक्त की बातचीत विफल हो गई. एयर इंडिया प्रबंधन ने इस हड़ताल को खत्म करने के लिए दिल्ली हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. उनका कहना है कि प्रबंधन के आदेश को ठुकरा कर वह हड़ताल पर गए हैं.
एयर इंडिया ने एग्जिक्यूटिव पायलट वीके भल्ला को नौकरी से हटा दिया है कि क्योंकि उन्होंने भारत के व्यावसायिक पायलट संगठन का समर्थन किया. अब नौकरी से निकाले जाने वाले पायलटों की संख्या सात हो गई है. नागरिक उड्डयन मंत्री वयलार रवि ने कहा कि वो प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को मामले की पूरी जानकारी दे चुके हैं और जांच कमिटी की स्थापना कर दी गई है. रवि ने कहा कि कमिटी के रिपोर्ट पेश करने के बाद ही आगे कोई कदम लिया जाएगा.
फ्लाइटों के रद्द होने से आम नागरिकों को परेशानियों का सामना करना पड़ा. दिल्ली में 33 घरेलू और पांच अंतरराष्ट्रीय उड़ानों को रद्द कर दिया गया. पायलटों की कमी का असर मुंबई में भी देखा गया जहां 17 घरेलू और दो अंतरराष्ट्रीय उड़ानें रद्द की गई.
गुरुवार को प्रमुख श्रम आयुक्त (सीएलसी) के एनके प्रसाद ने बातचीत के दूसरे दौर की शुरुआत की. मंगलवार को पहले दौर की बातचीत विफल होने के बाद 800 पायलट हड़ताल पर चले गए थे. सीएलसी ने तब पायलटों की यूनियन आईसीपीए की मान्यता रद्द कर दी थी और यूनियन के दफ्तरों को भी ताला लगा दिया था. गुरूवार को हुई बातचीत में भी सीएलसी इस पर अड़ी रही कि वो किसी अवैध यूनियन से समझौता करने को तैयार नहीं है. वहीं पायलट भी अड़े रहे कि वे तब तक काम पर नहीं लौटेंगे जब तक यूनियन को दोबारा मान्यता नहीं दी जाती, उनके दफ्तरों को खोल नहीं दिया जाता और नौकरी से निकाले गए सभी छह पायलटों को वापस नहीं बुला लिया जाता.
रिपोर्ट: एजेंसियां/ईशा भाटिया
संपादन: एमजी