ऐसे हुआ इन मशहूर कंपनियों का नामकरण
क्या आप जानते हैं कि गूगल, कैनन या एप्पल समेत दुनिया की कई बड़ी कंपनियों के नाम कैसे तय किए गए. जानिए उनके नामकरण की दिलचस्प कहानी.
गूगल
कंपनी का नाम गूगल रखने के लिए संस्थापकों ने अंग्रेजी शब्द गूगोल (Googol) से प्रेरणा ली. गूगोल का मतलब है एक के पीछे 100 शून्य, यानि बहुत ही बड़ी संख्या. कंपनी भी इसी बड़ी संख्या जैसा विस्तार पाना चाहती थी, इसीलिए नाम चुना गूगल (google).
कैनन
कैमरा और लेंस बनाने वाली जापानी कंपनी ने पहले अपना नाम क्वानन रखा. जापानी में भाषा क्वानन का मतलब होता है बौद्ध देवी. लेकिन 1935 तक कंपनी दुनिया भर में मशहूर होने लगी और फिर ग्लोबल ब्रांड वैल्यू को ध्यान में रखते हुए नाम कैनन रखा गया.
एप्पल
एप्पल के सह संस्थापक स्टीव जॉब्स को किशोरावस्था में सेब बहुत पंसद थे. 1970 के दशक में जॉब्स भारत आए और उत्तराखंड में नीम करौली आश्रम गए. वहां पहुंचने पर उन्हें पता चला कि बाबा साल भर पहले गुजर चुके हैं. स्थानीय लोगों के मुताबिक इसी दौरान स्टीव को एक दूसरे बाबा ने थोड़ा सा खाया हुआ सेब प्रसाद के तौर पर दिया. कुछ लोग कयास लगाते हैं कि एप्पल का लोगो यहीं से आया.
कोका कोला
पहली बार इस सॉफ्ट ड्रिंक को बनाने के लिए कोका की पत्तियों और कोला बीजों का इस्तेमाल किया गया. बस तभी कोका कोला नाम पड़ गया. संस्थापक जॉन एस पेम्बर्टन ने कोला की स्पेलिंग को Kola के बदले Cola कर दिया ताकि नाम सुंदर दिखे.
सोनी
लैटिन भाषा में सोनुस शब्द का मतलब है आवाज. जापानी कारोबारी ने इसी से प्रेरणा ली. कंपनी के नाम को दुनिया भर के लिए आसान बनाने के लिए उन्होंने सोनुस की जगह सोनी शब्द चुना.
नोकिया
इस कंपनी की शुरुआत एक वुड पल्प मिल के रूप में हुई. फिर उसने फिनलैंड के शहर नोकिया में रबर उत्पादन शुरू किया और इसके बाद नोकिया नाम से फोन बनाने शुरू किए.
रिबॉक
जूते और खेल सामग्री बनाने वाली कंपनी रिबॉक ने अफ्रीकी-डच शब्द रेहबॉक से प्रेरणा ली. रेहबॉक अफ्रीकी हिरण की एक प्रजाति है जो सौम्यता और तेज रफ्तार के लिए जानी जाती है.
वर्जिन
रिचर्ड ब्रेससन जब अपने दोस्तों के साथ कंपनी शुरू करने की तैयारी में थे तो तभी एक दोस्त ने कहा, वर्जिन नाम कैसा रहेगा. हम कारोबार में बिल्कुल वर्जिन (कुंवारे) हैं. कंपनी को नाम यहीं से मिला.
ऐमेजॉन
जेफ बेजोस अपनी कंपनी का नाम अंग्रेजी वर्णामाला के पहले अक्षर ए से शुरू करना चाहते थे. ऐसा कर कंपनी नाम के हिसाब से ऊपर आती. तभी उन्हें दुनिया की सबसे बड़ी नदी ऐमेजॉन (हिंदी में अमेजन) का ख्याल आया. बस यहीं से कंपनी का नाम ऐमेजॉन पड़ा. बेजोस ने उम्मीद जताई कि कंपनी नदी जितनी बड़ी हो जाएगी.
फोल्क्सवागेन
1940 के दशक में जर्मनी में मर्सिडीज और आल्डर जैसी कारें विलासिता का प्रतीक बन चुकी थीं. लेकिन ये आम लोगों की पहुंच से बाहर थीं. तभी इन कारों के निर्माण में बचे पुर्जों से कारीगरों ने एक कार बनाई. धीरे धीरे प्रोजेक्ट में और लोग जुड़ते गए और कार का नाम पड़ा वोल्क्सवागेन यानि आम लोगों की कार.
लेगो
एक दूसरे से जुड़कर कई आकार बनाने वाले लेगो कंपनी के खिलौने आज दुनिया भर में मशहूर हैं. इसके संस्थापकों ने डैनिश भाषा के "लेग गोड्ट" (अच्छे से खेलें) शब्द से प्रेरणा ली. और उसे मिलाकर लेगो कर दिया.
एडोबी
इस कंपनी के सह संस्थापक जॉन वारनॉक के घर में एक दिन एडोबी क्रीक नाम का कीड़ा घुस आया. बस यहीं से एडोबी नाम पड़ा.