ओबामा की मजबूरी, आईफोन से दूरी
५ दिसम्बर २०१३अमेरिका के राष्ट्रपति चाह कर भी अमेरिकी कंपनी एप्पल के आईफोन का इस्तेमाल नहीं कर सकते. ओबामा की सुरक्षा के लिए जिम्मेदार लोगों का मानना है कि आईफोन उनके लिए खतरा बन सकता है. व्हाइट हाउस में बुधवार को आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान ओबामा ने इस मजबूरी का जिक्र किया. हालांकि वह आईपैड का इस्तेमाल जरूर करते हैं.
समझा जाता है कि एप्पल उन कंपनियों में शामिल है, जिन्होंने अमेरिका की राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसी एनएसए को अपने ग्राहकों के आंकड़ों तक सीधी पहुंच दे रखी है. एनएसए के पूर्व एजेंट एडवर्ड स्नोडन ने इस बात का दावा किया है. और जाहिर कि सभी कंपनियों ने इस बात से इनकार किया है.
आईफोन नहीं तो ब्लैकबेरी सही
व्हाइट हाउस में अपनी दूसरी पारी खेल रहे ओबामा जब पहली बार राष्ट्रपति चुने गए और 2009 में पद संभाला, तब उन्हें अपना ब्लैकबेरी फोन रखने के लिए खुफिया सेवा के साथ काफी जद्दोजहद करनी पड़ी. ओबामा का दावा है कि उनका निजी ईमेल सिर्फ 10 लोगों के पास है. अमेरिकी राष्ट्रपति कई तरह के प्रोटोकॉल से बंधा होता है और यहां तक कि पूर्व राष्ट्रपति जॉर्ज बुश और बिल क्लिंटन तो निजी ईमेल भी इस्तेमाल नहीं करते थे.
बिकने के कगार तक पहुंच चुकी कनाडा की ब्लैकबेरी कंपनी एक बार फिर नए सिरे से खुद को बचाने की कोशिश में लगी है. इस कोशिश में कंपनी की सारी उम्मीदें कुछ बड़े निजी कॉन्ट्रैक्ट हासिल करने के अलावा सरकारी यूजर्स पर भी टिकी है.
ब्लैकबेरी पर ज्यादा भरोसा
ब्लैकबेरी पहले रिसर्च इन मोशन (रिम) के नाम से जानी जाती थी. उसके फोन खास सुरक्षा इंतजामों के कारण ही वॉशिंगटन जैसी सरकारी गतिविधि वाले केन्द्रों में खासे लोकप्रिय रहे. लेकिन बाजार में आईफोन और गूगल के एंड्रॉयड वाले मोबाइलों के लिए उपभोक्ताओं की बढ़ती ललक से ब्लैकबेरी के लिए जगह बनाए रखना काफी मुश्किल हो गया. ऐसे में ओबामा जैसे हाई प्रोफाइल, प्रभावशाली ग्राहकों को पाना ब्लैकबेरी के लिए खुशी की बात है.
आरआर/एजेए (रायटर्स, एएफपी)