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कंबोडिया में ख्मेर रूज के कमांडरों पर मुकदमा

२७ जून २०११

कंबोडिया के खूनी ख्मेर रूज शासन के चार जीवित सदस्यों पर सोमवार से युद्ध अपराध का मुकदमा शुरू हुआ है. तीन दशक पहले उनकी शून्य वर्ष क्रांति 20 सदी के इतिहास का सबसे क्रूर और काला पन्ना है.

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तस्वीर: dapd

अत्यंत वृद्ध और कमजोर हो गए चारों अभियुक्त ख्मेर रूज की खूनी क्रांति के जनक पोल पोत के अंदरूनी हल्के के सदस्य थे. 1975 से 1979 के ख्मेर रूज शासन के दौरान अनुमानतः 17 लाख कंबोडियाई नागरिकों को मौत के घाट उतार दिया गया था.

सामान्य पोशाक पहने अदालत पहुंचे ब्रदर नंबर टू नूओनचेआ, पूर्व राष्ट्रपति खिऊ साम्फान, पूर्व विदेश मंत्री लेंग सारी और पूर्व सामाजिक मामलों के मंत्री लेंग तिरिथ ने कार्रवाई शुरू होने पर चेहरे पर कोई भाव नहीं आने दिया. संयुक्त राष्ट्र समर्थित ट्रिब्यूनल में आज शुरुआती बयान दिए गए जिसका राष्ट्रीय टेलिविजन पर सीधा प्रसारण किया गया.

कई आरोप

ख्मेर रूज शासन काल में एक चौथाई आबादी यातना, फांसी, भूखमरी और कमजोरी से मारी गई थी. चारों अभियुक्तों पर मानवता के खिलाफ अपराध और नरसंहार के अलावा अंतरराष्ट्रीय और कंबोडियाई कानून के तहत हत्या, दासता, राजनीतिक और धार्मिक दमन, अमानवीय व्यवहार और गैर कानूनी तरीके बंदी बनाने जैसे कई अपराधों के आरोप हैं.

Kambodscha zweiter Prozess gegen Rote Khmer in Phnom Penh
तस्वीर: dapd

माना जा रहा है कि चारों अभियुक्त अपराधों से इंकार करेंगे. ब्रदर नंबर एक पोल पोट की 1998 में मौत हो गई.

मुकदमे के आरंभ में लेंग सारी के वकील ने नियमों के तहत उनका मुकदमा खारिज करवाने की कोशिश की. उन्हें वियतनामी अतिक्रमणकारियों द्वारा स्थापित कोर्ट ने 1979 में सजा दी थी, लेकिन 17 साल बाद राज सिंहानुक ने उन्हें माफ कर दिया था. उनके वकील का कहना था कि एक अपराध के लिए दो बार मुकदमा नहीं चलाया जा सकता. लेंग सारी को एक शांति संधि के तहत माफी दी गई थी. अभियोक्ता पक्ष की दलील है कि माफी मौत की सजा के लिए थी, उन आरोपों के लिए नहीं जो इस समय अदालत में लगाए गए हैं.

यह मुकदमा इस बात की परीक्षा होगी कि क्या लाखों डॉलर के खर्च से 2005 में गठित अदालत न्याय दे पाएगी और कंबोडिया के गहरे जख्मों को भर पाने में मदद दे पाएगी.

रिपोर्ट: एजेंसियां/महेश झा

संपादन: आभा एम