कंबोडिया में भगदड़, 339 मरे
२३ नवम्बर २०१०प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार भगदड़ तब मची जब राजधानी नॉमपेंह को पड़ोसी डॉयमंड आइलैंड को जोड़ने के लिए बत्तियां लिए खड़े कई लोगों को करंट लग गया. अधिकांश लोग या तो डूब गए या उनका दम घुट गया या भागने के चक्कर में कुचल दिए गए.
सरकारी टेलिविजन ने दोनों शहरों के अस्पतालों के हवाले से कहा है कि मरने वालों में लगभग 240 महिलाएं थीं. एक प्रत्यक्षदर्शी वान थोन ने कहा, "लोग संबंधियों की लाशें लेकर जा रहे थे, जिनमें महिलाएं और बच्चे भी थे. हर किसी के चेहरे पर दहशत थी."
कंबोडिया के प्रधानमंत्री हून सेन ने घटना के लिए क्षमा मांगी है और जांच के आदेश दिए हैं. उन्होंने कहा, "यह पोल पोट शासन के 31 साल बाद सबसे बड़ी त्रासदी है." वे ख्मेर रूज के खूनी शासन काल की ओर इशारा कर रहे थे जिसके चार साल (1975-79) के शासन काल में अनुमानतः 17 लाख लोग मारे गए थे.
हून सेन ने देशवासियों से शांति रहने की अपील की है और दुर्घटना के पीछे आतंकी हमले की संभावना से इंकार किया है. उन्होंने कहा, "और जांच की जरूरत है." गुरुवार को राष्ट्रीय शोक मनाने का फैसला लिया गया है.
बोन ओम टूक जल महोत्सव टोनल सैप नदी में धार के मुड़ने के मौके पर मनाया जाता है. कंबोडिया की लगभग डेढ़ करोड़ आबादी में पचास लाख लोग जल महोत्सव देखने राजधानी नॉमपेंह जाते हैं. यह भगदड़ 2006 के बाद दुनिया के सबसे गंभीर हादसों में शामिल है जब सउदी अरब में मक्का के निकट जमारत पुल पर पत्थर फेंकने की रस्म के दौरान हुई भगदड़ में 362 मुस्लिम हजयात्री मारे गए थे.
रिपोर्ट: एजेंसिया/महेश झा
संपादन: एस गौड़