कई और देशों को गैस की सप्लाई रोक सकता है रूस
२७ अप्रैल २०२२पोलैंड और बुल्गारिया को गैस की सप्लाई रोकने के बाद रूस ने कहा है कि रूबल में भुगतान न करने वाले अन्य देशों को गैस की सप्लाई बंद की जा सकती है. रूसी राष्ट्रपति के प्रवक्ता दिमित्री पेस्कोव का कहना है कि रूबल में भुगतान की मांग पश्चिमी देशों के रूसी मुद्रा संपत्तियों को जब्त करने की कार्रवाई के कारण पैदा हुई है. पेस्कोव का कहना है कि पश्चिम ने एक "अभूतपूर्व गैरदोस्ताना कार्रवाई" के जरिये उनकी "चोरी" कर ली है.
बुधवार को पत्रकारों के साथ कॉन्फ्रेंस कॉल के दौरान पेस्कोव ने चेतावनी दी कि दूसरे यूरोपीय ग्राहक भी अगर भुगतान का समय आने पर रूबल में गैस के पैसे नहीं देंगे, तो उनकी सप्लाई का नल भी बंद हो सकता है.
रूस ने पोलैंड और बुल्गारिया की सप्लाई बंद कर दी है, जिसे यूरोपीय संघ ने ब्लैकमेल करार दिया है. पेस्कोव ने इससे इनकार किया है और जोर देकर कहा, "रूस ऊर्जा संसाधनों का भरोसेमंद सप्लायर है और अपने करारों की शर्तों से बंधा हुआ है." पेस्कोव की दलील है कि रूबल में भुगतान की मांग का कारण विशुद्ध रूप से तकनीकी है और कीमतों या करार की दूसरी शर्तों में कोई बदलाव नहीं हुआ है.
इस बीच सर्बिया ने कहा है कि बुल्गारिया को गैस की सप्लाई रोकने का बाल्कन देशों पर कोई असर नहीं पड़ेगा. सर्बिया पड़ोसी देश बुल्गारिया के जरिये हर रोज 60 लाख क्यूबिक मीटर गैस हासिल करता है. सर्बिया के ऊर्जा मंत्री जोराना मिहाइलोविच ने बुधवार को बयान जारी कर कहा कि सप्लाई रोकी नहीं गई है. उनका कहना है आने वाले दिनों में स्थिति और जटिल होने की आशंका से अधिकारी पहले ही विकल्पों की ओर देख रहे हैं.
सर्बिया की रूसी गैस पर निर्भरता बहुत है और देश में तेल के क्षेत्र में एकाधिकार भी रूसी कंपनी गाजप्रोम के हाथ में है. सर्बिया ने यूक्रेन युद्ध के बाद रूस पर प्रतिबंध नहीं लगाए हैं.
बदले की कार्रवाई
पोलैंड का कहना है कि रूस ने इस हफ्ते उस पर लगाए प्रतिबंधों का बदला लेने के लिए अचानक गैस की सप्लाई रोकी है. मंगलवार को पोलैंड ने इन प्रतिबंधों का एलान किया, जिसमें 50 रूसी ओलिगार्कों और कंपनियों को निशाना बनाया गया है. इनमें गाजप्रोम भी शामिल है. पोलैंड का कहना है कि प्रतिबंधों का एलान करने के कुछ ही घंटे बाद उसे नोटिस मिला कि गाजप्रोम रूबल में भुगतान नहीं करने की वजह से गैस की सप्लाई रोक रहा है.
पोलैंड के प्रधानमंत्री मातेउस मोराविकी ने संसद में कहा है कि उनका देश डरेगा नहीं. उन्होंने यह भी कहा कि बीते सालों में कई देशों से गैस हासिल करने के लिए उठाए कदमों के कारण पोलैंड सुरक्षित है. सांसदों ने प्रधानमंत्री का समर्थन करते हुए खड़े होकर तालियां बजाईं और कहा कि "गैस ब्लैकमेल" का कोई असर नहीं होगा.
पोलैंड और बुल्गारिया को गैस की सप्लाई रोकने के बाद यूरोपीय संघ के अधिकारियों ने इस मुद्दे पर आपात बैठक बुलाई है. यूरोपीय आयोग की प्रमुख उर्सुला फॉन डेय लेयन का कहना है कि संघ के देश रूसी गैस की कटौती का सामना करने के लिये तैयार हैं. लेयन ने यह भी कहा कि पोलैंड और बुल्गारियों को उनके पड़ोसी देशों से गैस की सप्लाई की जायेगी.
बुल्गारिया में एक महीने तक दिक्कत नहीं
बुल्गारिया का कहना है कि कम से कम एक महीने तक गैस की सप्लाई में कोई दिक्कत नहीं होगी. गाजप्रोम ने महज एक दिन की नोटिस पर सप्लाई बंद करने का एलान किया है. हालांकि, बुल्गारिया के ऊर्जा मंत्री आलेक्जेंडर निकोलोव का कहना है कि गैस की आपूर्ति अब भी चालू है.
इस बीच हंगरी के विदेश मंत्री ने कहा है कि बुल्गारिया को गैस की सप्लाई रोकने का असर उनके देश पर नहीं होगा. हंगरी तक गैस बुल्गारिया से होकर आती है. विदेश मंत्री पीटर सिजार्तो ने कहा है, "मैं हर किसी को भरोसा दिलाना चाहता हूं कि बुल्गारिया को गैस न देने का मतलब बुल्गारिया के जरिये गैस का ट्रांजिट रोकना नहीं है."
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ब्रिटेन की विदेश मंत्री लिज ट्रुस का कहना है कि पश्चिमी देशों को रूसी आक्रमण से लड़ाई में यूक्रेन को मजबूत करने के लिये उसे विमान देने चाहिये. ब्रितानी विदेश मंत्री का कहना है, "यूक्रेन की किस्मत संतुलन पर निर्भर है और वह पश्चिमी देशों से यूक्रेन को सैन्य सहायता बढ़ाने की मांग करती हैं. " ट्रुस ने कहा, "अगर पुतिन सफल हुए, तो पूरे यूरोप में ऐसी मुश्किलें आयेंगी, जिन्हें बयान नहीं किया जा सकता. साथ ही, पूरी दुनिया के लिये भयानक नतीजे होंगे. हम फिर कभी सुरक्षित महसूस नहीं कर सकेंगे. तो हमें लंबी लड़ाई के लिये तैयार रहना होगा और यूक्रेन को अपना समर्थन दोगुना करना होगा."
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रूसी हमले का दावा
रूसी सेना का कहना है कि उसने पश्चिमी देशों से यूक्रेन को हथियारों की सप्लाई पर हमला किया है. रूसी रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता मेजर जनरल इगोर कोनाशेंकोव ने बुधवार को कहा कि समुद्र से दागे गये क्रूज मिसाइल ने जापोरिझिया के एक अल्युमिनियम प्लांट में जमा किये हथियारों को निशाना बनाया है. कोनाशेंकोव का कहना है कि ये हथियार अमेरिका और यूरोपीय देशों ने भेजे थे. कोनाशेंकोव ने यह भी बताया कि रूसी लड़ाकू विमानों ने यूक्रेन के 59 ठिकानों को निशाना बनाया है. रूस के मुताबिक ये वे इलाके हैं, जहां सेना और हथियारों की भारी मौजूदगी है. उन्होंने यह भी कहा कि रूसी तोपों ने यूक्रेन के 573 ठिकानों पर गोलाबारी की है.
मारियोपोल के स्टील प्लांट पर रूसी सेना हमले कर रही है. यहां कुछ आम लोग और सैनिक फंसे हुए हैं. इस बीच मारियोपोल के मेयर के एक सहयोगी ने बताया है कि मारियोपोल से आम लोगों को निकालने की दिशा में अब तक कोई समझौता नहीं हो सका है.
यूक्रेन के जनरल स्टाफ का कहना है कि रूसी सेनाएं खारकीव और दोनेत्स्क के इलाके में हमले कर रही हैं और उन्होंने कुछ बस्तियों पर कब्जा कर लिया है. युद्धभूमि से जो खबरें आ रही हैं, उनकी तत्काल पुष्टि करना संभव नहीं है.
ब्रिटेन के सांसदों पर प्रतिबंध
रूस ने ब्रिटेन के 287 सांसदों पर प्रतिबंध लगा दिया है. ब्रिटेन ने भी रूसी सांसदों पर प्रतिबंध लगाने का एलान किया था. रूसी विदेश मंत्रालय की तरफ से जारी बयान में कहा गया है, "ब्रिटेन सरकार के 11 मार्च को लिए गए फैसले में 386 स्टेट ड्यूमा के सदस्यों पर प्रतिबंध लगाया गया. इसके जवाब में हाउस ऑफ कॉमंस के 287 सदस्यों पर प्रतिबंध लगाया जा रहा है." मंत्रालय का कहा है कि इन सदस्यों के तत्काल प्रभाव से रूस आने पर रोक लगाई जा रही है. हाउस ऑफ कॉमंस में कुल 650 सदस्य हैं.
ड्रोन कंपनी डीजीआई टेक्नोलॉजी का कहना है कि वह रूस और यूक्रेन में अपनी गतिविधियां फिलहाल अस्थाई रूप से बंद कर रही है. कंपनी के मुताबिक यह फैसला इसलिए किया गया है, ताकि युद्ध के दौरान कंपनी के ड्रोन और दूसरे उपकरणों का इस्तेमाल रोका जा सके.
रसायन बनाने वाली प्रमुख कंपनी बीएएसएफ ने कहा है कि वह रूस और बेलारूस में अपना ज्यादातर कारोबार जुलाई की शुरूआत में बंद कर देगी. जर्मन कंपनी ने बुधवार को बताया कि उसने हमलों को देखते हुए दोनों देशों में "नया कारोबार पहले से ही बंद कर दिया था" और अब जो काम पहले से चल रहा है, उसे भी जुलाई में बंद कर दिया जाएगा. हालांकि, भोजन उत्पादन को इससे बाहर रखा गया है, क्योंकि कंपनी का कहना है, "लड़ाई की वजह से भोजन के संकट की आशंका है."
एनआर/वीएस (एपी, एएफपी, रॉयटर्स)