कनिमोड़ी की जमानत पर फैसला टला
१४ मई २०११सीबीआई की विशेष अदालत के जज ओपी सैनी ने कहा, "फैसला 20 मई तक के लिए टाल दिया गया है." कोर्ट की सुनवाई के दौरान वहां बड़ी संख्या में पत्रकार मौजूद थे. जज ने इसके बारे में भी पूछा कि इतने सारे पत्रकार यहां क्यों मौजूद हैं और फिर सामान्य रूप से फैसला टालने का आदेश दे दिया.
कोर्ट से बाहर आने के बाद सीबीआई के वकील एके सिंह ने पत्रकारों से कहा कि फैसला न सुनाने के पीछे जज ने केवल यही वजह बताई है कि फैसला तैयार नहीं है. कोर्ट में कलाइनार टीवी के एमडी और सीईओ शरद कुमार की याचिका पर सुनवाई भी 20 मई तक के लिए टाल दी गई है. कोर्ट में सुनवाई के दौरान कनिमोझी अपने पति जी अरविंदन और डीएमके संसदीय पार्टी के नेता टीआर बालू के साथ मौजूद थीं.
जेठमलानी ने राजा पर डाली जिम्मेदारी
इससे पहले सात मई को वरिष्ठ वकील राम जेठमलानी की जोरदार दलीलों को सुनने के बाद कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया था. जेठमलानी ने आरोप पत्र का हवाला देते हुए पूर्व टेलिकॉम मंत्री ए राजा को कनिमोड़ी पर लगाए आरोपों का जिम्मेदार बताया था. सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर बनाई गई विशेष अदालत 2जी स्पेक्ट्रम घोटाले की सुनवाई कर रही है.
कनिमोड़ी पर कलाइनर टीवी के लिए शाहिद बलवा उस्मान की कंपनी डीबी रियलिटी से 200 करोड़ रुपये की रिश्वत लेने का आरोप है. सीबीआई ने कनिमोझी पर ए राजा के साथ मिल कर साजिश रचने का आरोप लगाया है. कनिमोड़ी पर भ्रष्टाचार निरोधक कानून के तहत कलाइनार टीवी के जरिए घूस लेने के आरोप लगाए गए हैं.
"बचेंगी नहीं कनिमोड़ी"
कोर्ट में सुनवाई के बाद पत्रकारों से बातचीत में जनता पार्टी के अध्यक्ष सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा कि कनिमोड़ी सीबीआई के चंगुल से नहीं बच पाएंगी क्योंकि उनके खिलाफ और ज्यादा सबूत सामने आए हैं. स्वामी ने कहा, "मुझे नहीं लगता कि कनिमोड़ी बच पाएंगी. यह मामला ऐसा नहीं कि उन्हें छोड़ दिया जाएगा या सीबीआई आसानी से उन्हें निकल जाने देगी."
कनिमोड़ी की जमानत के लिए दबाव बनाते हुए जेठमलानी ने ए राजा और शरद कुमार पर आरोप लगाए कि न तो कनिमोड़ी किसी दस्तावेज पर दस्तखत करती हैं न ही कंपनी के मामलों में कोई दखल देती हैं.
उधर सरकारी वकील यूयू ललित ने दलील दी, "200 करोड़ रुपये के लेनदेन के रूप में और कुछ नहीं बल्कि घूस की रकम कलाइनर टीवी तक पहुंचाई गई है. केवल कुमार को इसके लिए जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता क्योंकि इस परिवार का शेयरों के रूप में काफी ज्यादा नियंत्रण है."
रिपोर्टः एजेंसियां/एन रंजन
संपादनः वी कुमार