कराची में चुनाव से पहले हिंसा, 24 की मौत
१७ अक्टूबर २०१०1947 में विभाजन के बाद भारत से पाकिस्तान जाने वाले उर्दू भाषी लोगों और खैबर पख्तून ख्वाह प्रांत से काम की तलाश में कराची जा कर बसने वाले पश्तो भाषी लोगों के बीच अकसर इस तरह की हिंसा होती रही है. इसे टारेगट किलिंग का नाम दिया जाता है. स्थानीय जियो टीवी के मुताबिक शनिवार की शाम शुरू हुई ताजा हिंसा में 24 लोग मारे गए. 50 लोग घायल भी बताए जाते हैं.
ये हिंसा रविवार को सिंध प्रांत की कराची सीट के लिए होने वाले उपचुनाव से ठीक पहले हुई. यह सीट उर्दू भाषी मुत्तेहिदा कौमी मूवमेंट (एमक्यूएम) के विधायक रजा हैदर की पिछले महीने हत्या के बाद खाली हुई है. पार्टी हैदर की हत्या के लिए आवामी नेशनल पार्टी (एएनपी) को जिम्मेदार बता रही है. एमक्यूएम नेता की हत्या के बाद हुई हिंसा में अब तक 100 लोगों की जान जा चुकी है. जियो का कहना है कि शहर में तनाव है और अलग अलग हिस्सों में गोलीबारी चल रही है. पुलिस अब तक इन हत्याओं को रोकने में नाकाम रही है.
ताजा हिंसा की वजह ऐन वक्त पर एएनपी के चुनाव से हट जाने को माना जा रहा है ताकि लचर सुरक्षा व्यवस्था का हवाला देकर चुनाव को टलवाने के लिए दबाव बनाया जा सके. लेकिन सरकार ने रविवार को होने वाले चुनाव को टालने से इनकार कर दिया और किसी भी तरह की हिंसा को रोकने के लिए 84 मतदान केंद्रों पर सैकड़ों पुलिसकर्मियों और अर्धसैनिक बलों को तैनात किया गया है.
कराची सिंध प्रांत की राजधानी और पाकिस्तान की मुख्य व्यापारिक केंद्र है. शहर की आबादी एक करोड़ 80 लाख बताई जाती है.
रिपोर्टः एजेंसियां/ए कुमार
संपादनः ओ सिंह