करीब एक मीटर ऊंची हो गई है माउंट एवरेस्ट
८ दिसम्बर २०२०नेपाल और चीन ने साझा बयान जारी कर माउंट एवरेस्ट की ऊंचाई 8,848.86 मीटर मान ली है. नेपाल के विदेश मंत्री प्रदीप ज्ञवली और चीनी विदेश मंत्री वांग यी ने यह एलान किया. इन दोनों देशों की सीमा पर तैनात दुनिया की सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट की सटीक ऊंचाई पर बीते कुछ बरसों में काफी बहस हुई.
सटीक ऊंचाई की बहस
चीन माउंट एवरेस्ट की ऊंचाई 8,848.43 मीटर मानता था. वहीं नेपाल और दुनिया के बाकी देश चोटी की ऊंचाई 8,848 मीटर मानते थे. सगरमाथा कही जाने वाली माउंट एवरेस्ट की ऊंचाई सबसे पहले 1856 में ब्रिटिश भूगोलविज्ञानियों ने नापी. तब इसके लिए त्रिकोणमिती का सहारा लिया गया और इसकी ऊंचाई समुद्र तल से 8,840 मीटर बताई.
29 मई 1953 को एडमंड हिलैरी और तेनजिंग नॉर्गे के पहली बार एवरेस्ट फतह करने के बाद इस चोटी का भारतीय रिसर्चरों से सर्वे किया और ऊंचाई 8,848 मीटर मापी. तब से इसी ऊंचाई को मानक माना जाता था. लेकिन उसके बाद भी जब कभी ऊंचाई मापी गई तब तब अलग नतीजे सामने आए.
अब पहली बार नेपाल और चीन दोनों ने मिलकर नई ऊंचाई मापी है. ऊंचाई मापने के लिए ग्रैवीमीटर, क्लाइबिंग और नेविगेशन सैटेलाइट का सहारा लिया गया.
भूगर्भीय हलचलों का असर
धरती की टेक्टोनिक प्लेटों और ग्लेशियर विज्ञान का अध्ययन करने वाले वैज्ञानिकों के मुताबिक ऊंचाई मापने के तरीके सही हैं. वैज्ञानिकों को मानना है कि धरती के भूगर्भीय गतिविधियों और 2015 में हिमालय में आए विनाशकारी भूकंप का असर पर्वत चोटियों पर पड़ा है.
नेपाल और चीन के सर्वे के दौरान यह भी पता चला कि काठमांडू के पास लंगतांग हिमाल चोटी की ऊंचाई 2015 के भूकंप के बाद घट गई है.
ओएसजे/एनआर (एएफपी)
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