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करोड़ों साल पुराने समुद्री शिकारी के दांत क्या कहते हैं?

२८ अप्रैल २०२२

स्विस आल्प्स में इक्थियोसॉर के तीन जीवाश्म मिले हैं. ये विशाल समुद्री सरीसृप आदिकालीन समुद्रों में भटका करते थे. जीवाश्म में इनका एक दांत भी मिला है जो अब तक मिले जीवाश्मों में सबसे बड़ा है.

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इक्थियोसॉर के दांत की जड़
इक्थियोसॉर के दांत की जड़तस्वीर: Rosi Roth/University of Zurich/EurekAlert/AFP

विशाल शरीर और छोटे से सिर वाले इन जीवों का वजन 80 टन और लंबाई 20 मीटर तक हो सकती है. इस लिहाज से ये धरती पर अब तक ज्ञात सबसे बड़े जीव थे. ये जीव सबसे पहले करीब 25 करोड़ साल पहले धरती पर आए थे और इनकी एक डॉल्फिनों की तरह दिखने वाली छोटी उपप्रजाति 9 करोड़ साल पहले तक धरती पर मौजूद थी. हालांकि कई प्रजातियों समेत विशाल इक्थियोसॉर करीब 20 करोड़ साल पहले खत्म हो गए थे.

ज्यादा जीवाश्म नहीं हैं

डायनोसॉर के उलट इक्थियोसॉर ने शायद ही कहीं जीवाश्म छोड़े हैं. रिसर्चर मार्टिन सांडर कहते हैं, "ऐसा क्यों हुआ यह आज भी एक बड़ा रहस्य बना हुआ है." जर्नल ऑफ वर्टिब्रेट में छपी रिसर्च रिपोर्ट के प्रमुख लेखक मार्टिन सांडर बॉन यूनिवर्सिटी में पढ़ाते हैं. जिन नमूनों की बात हो रही है उनकी इस स्टडी में 20.5 करोड़ साल उम्र बताई गई है. इन्हें 1976 से 1990 के दौरान जियोलॉजिकल सर्वे के दौरान ढूंढा गया था. हालांकि इन पर विस्तार से खोजबीन हाल ही में शुरू हुई है.

जीवाश्मों के आधार पर इक्थियोसॉर की कुछ ऐसी तस्वीर बनाई गई है
जीवाश्मों के आधार पर इक्थियोसॉर की कुछ ऐसी तस्वीर बनाई गई है तस्वीर: Bob Nicholls

दिलचस्प यह है कि ये करीब 2,800 मीटर की ऊंचाई पर मिले हैं. अपने जीवन काल में ये तीनों जीव पंजेया सुपरकॉन्टिनेंट के आसपास मौजूद पानी में रहे. प्लेट टैक्टोनिक्स और आल्प्स में पड़ी सलवटों के कारण जीवाश्म ऊपर जाता गया. पहले यह सोचा गया था कि इक्थियोसॉर महासागरों की तली में रहते हैं हालांकि जिन चट्टानों से अब जीवाश्म निकाले जा रहे हैं वो छिछले तटवर्ती इलाकों की तलहटी के हैं. मुमकिन है कि कुछ विशाल जीव वहां मछलियों की तलाश में आए हों.

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दांत बड़े या पूरा शरीर बड़ा

इन जीवों की अस्थियों के दो सेट हैं. एक में 10 पसली के टुकड़े और एक रीढ़ की जोड़ है जिससे अंदाजा लगाया गया है कि इसकी लंबाई 20 मीटर होगी. यह कनाडा में मिले अब तक के सबसे बड़े इक्थियोसॉर के लगभग बराबर है. दूसरे जीव की लंबाई का अंदाजा 15 मीटर लगाया गया है. इसकी रीढ़ के साथ टुकड़े मौजूद हैं. सांडर बताते हैं, "हमारे नजरिये से हालांकि दांत खासतौर से बहुत दिलचस्प है. क्योंकि इक्थियोसॉर के मानकों से देखें तो यह विशाल है. इसकी जड़ करीब का व्यास 60 मिलीमीटर यानी करीब 2.4 ईंच है. अब तक एक पूरी खोपड़ी में जो सबसे बड़ा दांत मिला है वह महज 20 मिलीमीटर था और उस इक्थियोसॉर की लंबाई 18 मीटर थी."

ब्रिटेन में मिले इक्थियोसॉर के जीवाश्म
ब्रिटेन में मिले इक्थियोसॉर के जीवाश्मतस्वीर: Anglian Water/Foto: Matthew Power

मुमकिन है कि इस जीव के शरीर का अनुपात अलग रहा हो. इस बात के प्रबल आसार हैं कि यह कोई विशाल दांतों वाला इक्थियोसॉर हो इसकी बजाय वैज्ञानिक फिलहाल यह नहीं मान रहे हैं कि यह कोई असाधारण रूप से विशाल आकार वाला इक्थियोसॉर रहा होगा. मौजूदा रिसर्च बताती है कि इस शिकारी जीव के लिये दांतों की जरूरत जितनी बड़ी है उसके हिसाब से इसके आकार का बहुत ज्यादा बड़ा होना उचित नहीं लगता. यही वजह है कि धरती पर जो सबसे बड़ा जीव रहा है उसमें दांत नहीं होते. वैज्ञानिक 30 मीटर लंबी ब्लू व्हेल का हवाला देते हैं जिसके दांत नहीं होते.

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ब्लू व्हेल अपना खाना पानी को छान कर हासिल करती हैं जबकि छोटे आकार वाली 20 मीटर लंबी और 50 टन वजनी स्पर्म व्हेल शिकारी होती हैं. वो अरनी मांसपेशियों को चलाने के लिए बहुत सारी ऊर्जा का इस्तेमाल करती हैं. सांडर का कहना है, "समुद्री शिकारी यही वजह है कि स्पर्म व्हेल से ज्यादा बड़ी नहीं हो सकतीं." हालांकि निश्चित रूप से कुछ कहने के लिये और ज्यादा जीवाश्मों की पड़ताल करनी होगी. वैज्ञानिकों को उम्मीद है कि ग्लेशियरों के नीचे विशाल समुद्री जीवों के कुछ और जीवाश्म दबे हो सकते हैं.

एनआर/आरपी (एएफपी)