कश्मीर में मीडिया के खिलाफ कार्रवाई
२० अक्टूबर २०२०कश्मीर में एक बार फिर पत्रकारों के खिलाफ प्रशासन की कड़ी कार्रवाई सामने आई है. घाटी के जाने माने अखबार कश्मीर टाइम्स के श्रीनगर स्थित दफ्तर को सोमवार को प्रशासन द्वारा अचानक सील कर दिया गया. प्रशासन ने इस बारे में अभी तक कोई बयान नहीं दिया है. अखबार की संपादक अनुराधा भसीन ने कहा है कि जम्मू और कश्मीर प्रशासन के एस्टेट्स विभाग ने यह कार्रवाई अचानक की और दफ्तर सील करने से पहले किसी भी तरह का नोटिस भी नहीं दिया.
अखबार का दफ्तर श्रीनगर के प्रेस एन्क्लेव इलाके में एक सरकारी बिल्डिंग में है जहां और भी कई मीडिया संस्थानों को दफ्तर आवंटित किए गए हैं. अखबार ने कहाहै कि विभाग के अधिकारियों ने अचानकदफ्तर पहुंच कर वहां काम कर रहे पत्रकारों और अन्य कर्मचारियों को बाहर निकलने के लिए कहा और बिना किसी आदेश की प्रति दिखाए दफ्तर को बाहर से सील कर दिया.
कर्मचारियों द्वारा पूछने पर उन अधिकारियों ने कहा कि उनके पास कोई निर्देश नहीं हैं और अखबार के कर्मचारियों को अगर कोई जानकारी चाहिए तो वो उनके वरिष्ठ अधिकारियों से संपर्क करें. एक मीडिया संस्थान के खिलाफ प्रशासन द्वारा इस तरह की कार्रवाई की कई पत्रकारों, मानवाधिकार कार्यकर्ताओं, नेताओं और एक्टिविस्टों ने निंदा की है. पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने एक ट्वीट में कहा, "इस तरह बिना पूरी प्रक्रिया के निकाल दिए जाना स्वतंत्र रूप से पत्रकारिता करने की कीमत है."पूर्व मुख्यमंत्री महबूबामुफ्ती ने भी ट्वीट कर कहा, "अनुराधा भसीन के दफ्तर को बंद करना बीजेपी की प्रतिशोध की राजनीति दिखाता है."
भसीन ने पिछले साल केंद्र सरकार द्वारा जम्मू और कश्मीर में मीडिया पर लगाई गई पाबंदियों के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी, जिस पर फैसला देते हुए अदालत ने सरकार को सभी प्रतिबंधों की समीक्षा करने काआदेश दिया था. तब से उनके और उनके अखबार के खिलाफ कई घटनाएं हो चुकी हैं.
कुछ ही दिनों पहले भसीन ने जम्मू में पुलिस से शिकायत भी की थी कि एक स्थानीय राजनेता शहनाज गनई का भाई उनके जम्मू स्थित सरकार द्वारा आवंटित किए गए फ्लैट में घुस आया था और फ्लैट में चोरी और तोड़ फोड़ की थी. बाद में भसीन ने पुलिस पर जांच को आगे ना बढ़ाने का भी आरोप लगाया था.
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