कहां गया 2,000 रुपए का नोट
आरबीआई ने माना है कि पिछले दो सालों से उसने 2,000 रुपए के नोट छापने बंद कर दिए हैं. जानिए आखिर कौन कौन से नोट कितनी संख्या में छाप रहा है रिजर्व बैंक.
जादुई नोट गायब
2,000 रुपए के नोट को 2016 में नोटबंदी के बाद लाया गया था. कहा गया था कि यह बंद किए गए 500 और 1,000 के नोटों की कमी पूरी करेगा. बाद में 500 और 2,000 रुपए के नए नोट जारी कर दिए गए थे. लेकिन 2019 के बाद से अभी तक आरबीआई ने 2,000 रुपए का एक भी नया नोट नहीं छपा है. पिछली बार 2018-19 में 2,000 रुपए के 467 लाख नोट छापे गए थे.
संख्या में अभी भी सबसे ज्यादा
लेकिन 2,000 रुपए का नोट बैन नहीं हुआ है यानी चलन में है. बल्कि जितने भी नोट चलन में हैं उनमें 2,000 और 500 के नोटों की संख्या ही सबसे ज्यादा है. 31 मार्च 2021 को सारे नोटों में से 85.7 प्रतिशत नोट इसी मूल्य वर्ग के थे.
500 का सहारा
संख्या के हिसाब से सबसे ज्यादा 500 का नोट चलन में है. 31 मार्च, 2021 तक सभी नोटों में इसका हिस्सा 31.1 प्रतिशत था. कुल नोटों में इस नोट की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है. एक साल पहले, यानी 31 मार्च, 2020 को, चलन में मौजूद कुल नोटों में 500 रुपए के नोटों का प्रतिशत 25.4 था.
दस नंबरी
500 रुपए के नोट के बाद सबसे ज्यादा संख्या 10 रुपए के नोट की है. 31 मार्च, 2021 को कुल नोटों में इसका हिस्सा 23.6 प्रतिशत था.
बीस का दम
इसके अलावा आरबीआई 20 रुपए के नोटों की संख्या भी बढ़ा रही है. जहां 2019-20 में 20 रुपए के 13,390 लाख नोट छापे गए थे, वहीं 2020-21 में इसके 38,250 नोट छापे गए.
महामारी में चलन में बढ़े नोट
2018-19 के मुकाबले 2019-20 में कोविड-19 महामारी के पहले चलन में मौजूद सभी नोटों के मूल्य और संख्या में 14.7 और 6.6 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी. 2020-21 में चलन में मौजूद सभी नोटों के मूल्य और संख्या में 16.8 प्रतिशत और 7.2 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई.
आपूर्ति हुई कम
लेकिन कुल मिलाकर 2020-21 में नोटों की सप्लाई को 2019-20 के मुकाबले कम रखा गया. 2019-20 में 2,23,875 नोटों के मुकाबले 2020-21 में 2,23,301 नोट सप्लाई किए गए, यानी 0.3 प्रतिशत कम. 2020-21 में पिछले साल के मुकाबले नोट छापने के आर्डर में 9.7 प्रतिशत की कमी की गई. पिछले साल सिक्कों के मुद्रण के आर्डर और सप्लाई में भी 11.8 प्रतिशत और 4.7 प्रतिशत की कटौती की गई थी.