काले धन पर मॉरीशस करेगा भारत की मदद
२० फ़रवरी २०११मॉरीशस के वित्त मंत्रालय ने कहा है कि काले धन का पता लगाने में मॉरीशस भारत के साथ सहयोग करता रहा है और पिछले दिनों दोनों देशों के इस सहयोग को और सुदृढ़ बनाया गया है. भारतीय मीडिया द्वारा पूछे गए सवालों के जवाब में मॉरीशस के वित्त मंत्रालय ने यह भी कहा है कि वह मांगे जाने पर मॉरीशस के बैंकों में भारतीय नागरिकों के खातों के बारे में भी जानकारी उपलब्ध कराएगा.
लेकिन साथ ही वित्त मंत्रालय के अधिकारियों ने यह भी कहा है कि वे काले धन की किसी सनसनीखेज तलाश की अनुमति नहीं देंगे. मॉरीशस ने इस बात पर भी आपत्ति जताई है कि हर वित्तीय घोटाले के साथ उसका नाम जोड़ दिया जाता है.
मॉरीशस से सावधानी
भारत में विदेशी पूंजीनिवेश के मामले में मॉरीशस पहले नंबर पर है और हाल के दिनों में यह आशंका जताई जा रही है कि भारतीयों का काला धन मॉरीशस होकर फिर से देश में लाया जा रहा है. टेलिकॉम और रीयल एस्टेट क्षेत्रों में मॉरीशस की वेंचर कैपिटल कंपनियों के निवेश में तेजी के बाद भारतीय अधिकारियों ने सावधानी बरतनी शुरू कर दी है.
टैक्स फ्रेंडली मॉरीशस हमेशा से भारत में निवेश करने वालों में अत्यंत लोकप्रिय रहा है, लेकिन इसका फायदा भारत से काले धन को मॉरीशस ले जाने और वहां से फिर से औपचारिक रूप से भारत लाने वालों ने भी उठाया है. लेकिन मॉरीशस हर भारतीयों के बारे में सूचना देने से इनकार कर रहा है. उनका कहना है कि सूचनाएं स्थापित अंतरराष्ट्रीय मानकों के आधार पर प्रदान की जाएंगी.
स्विट्जरलैंड को भारतीय काले धन का सबसे प्रमुख लक्ष्य बताया जाता है. स्विस अधिकारियों ने भी भारत को किसी भारतीय के बैंक खाते के बारे में तभी सूचना देने की बात कही है जब उसकी मांग संदिग्ध कर चोरी के अपराध के सिलसिले में होगी. मॉरीशस का कहना है कि भारत के साथ उसकी वर्तमान संधि में बैंकिग जानकारी के आदान प्रदान का प्रावधान है.
रिपोर्ट: एजेंसियां/महेश झा
संपादन: वी कुमार