लखीमपुर कांड पर महाराष्ट्र बंद
११ अक्टूबर २०२१राज्य में महाराष्ट्र विकास आघाड़ी गठबंधन सरकार के घटक दलों शिव सेना, कांग्रेस और एनसीपी ने खुद ही एक प्रेस वार्ता करके बंद के आयोजन के बारे में जानकारी दी थी. बंद का आह्वान उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में हाल ही में हुई घटना की पृष्ठभूमि में किया जा रहा है.
तीन अक्टूबर को लखीमपुर खीरी में गाड़ियों के एक काफिले ने कृषि कानून के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसानों को कुचल दिया था, जिसमें चार किसानों की मौत हो गई थी. इन गाड़ियों में से कम से कम एक गाड़ी केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय कुमार मिश्रा की थी.
सरकारी 'बंद'
मौके पर मौजूद कई चश्मदीद गवाहों ने कहा है कि यह गाड़ी मिश्रा का बेटा आशीष मिश्रा चला रहा था. उत्तर प्रदेश पुलिस ने आशीष के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज किया है और उसे गिरफ्तार कर लिया है.
महाराष्ट्र बंद के बारे में बताते हुए शिव सेना नेता संजय राउत ने पत्रकारों से कहा, "गठबंधन की तीनों पार्टियां सक्रिय रूप से बंद में हिस्सा लेंगी. लखीमपुर खीरी में जो हुआ वो संविधान की हत्या थी, कानून का उल्लंघन था और देश के किसानों को मारने की एक साजिश थी."
बंद के तहत पूरे राज्य में दुकानों को बंद रखने की योजना है. व्यापारियों के कई संगठनों ने बंद को समर्थन देने का फैसला किया है. मुंबई में भी दुकानें बंद रहेंगी. बस, ऑटो और टैक्सी सेवाएं भी बाधित होने की खबरें आ रही हैं, लेकिन लोकल ट्रेनें चल रही हैं.
बीजेपी ने बंद का विरोध किया है और चेतावनी भी दी है कि अगर व्यापारियों को दुकानें बंद करने के लिए मजबूर किया गया तो पार्टी इसका विरोध करेगी.
निष्पक्ष जांच की जरूरत
कांग्रेस ने इसके अलावा इस मुद्दे को लेकर अलग से राष्ट्रीय स्तर पर प्रदर्शन की भी घोषणा की है. पार्टी ने सभी राज्यों में अपनी प्रदेश इकाइयों से राज भवन या केंद्र सरकार के कार्यालयों के आगे मौन व्रत का आयोजन करें.
पार्टी ने मांग की है लखीमपुर खीरी वारदात में शामिल सभी लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई के साथ साथ केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा को बर्खास्त भी किया जाना चाहिए.
इस बीच आशीष मिश्रा को 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है. मीडिया में आई कुछ खबरों में दावा किया गया है कि आशीष से पूछताछ करने वाले एसआईटी ने बताया कि वारदात के दिन वो कहां था इस बारे में उसने स्पष्ट जवाब नहीं दिए हैं.
चश्मदीद गवाहों ने यह भी दावा किया है कि आशीष ने किसानों पर गोली भी चलाई थी. कुछ खबरों में यह भी बताया गया है कि उसकी गाड़ी से खाली कारतूस भी बरामद हुए थे और और वो इनके बारे में भी एसआईटी को स्पष्ट जवाब नहीं दे पाया.
उसके खिलाफ लगे सभी आरोपों की निष्पक्ष जांच हो पाए इसके लिए उसके पिता के मंत्रिपद छोड़ देने की मांग भी भी जोर पकड़ रही है.