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किसानों के साथ 3 दिसंबर की बैठक पर सरकार की नजर

२ दिसम्बर २०२०

पंजाब और हरियाणा के आंदोलनरत किसानों के साथ मंगलवार को हुई बैठक के विफल होने पर अब सरकार की निगाहें तीन दिसंबर को होने वाली अहम बैठक पर टिकीं हैं.

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Indien Neu Delhi | Protest von Farmern
तस्वीर: Moshin Javed

केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण राज्य मंत्री पुरुषोत्तम रूपाला ने आईएएनएस से बातचीत के दौरान किसान आंदोलन का जल्द से जल्द हल निकालने की उम्मीद जताई है. उन्होंने कहा, "तीन दिसंबर को होने वाली बातचीत में कुछ न कुछ समाधान होने की उम्मीद है. सरकार किसानों के मुद्दे सुलझाने के लिए तत्पर है, इसीलिए सकारात्मक माहौल में बातचीत चल रही है."

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के गृहराज्य गुजरात से राज्यसभा सांसद और केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री पुरुषोत्तम रूपाला ने आईएएनएस से बातचीत में कहा, "देखते हैं कि कल तीन दिसंबर की बैठक के बाद क्या नतीजा सामने आता है. लेकिन सरकार की पूरी कोशिश है कि किसानों से बातचीत कर मुद्दों को जल्द से जल्द सुलझाया जाए. बातचीत के बाद निश्चित तौर पर आंदोलन खत्म होगा."

क्या सरकार तीनों कानूनों को लेकर किसानों को समझाने में नाकाम रही, जिसकी वजह से यह आंदोलन खड़ा हो गया? इस सवाल पर रूपाला ने कहा, "मैं यह मानता हूं कि जो लोग आंदोलन कर रहे हैं, उनसे इसका जवाब लेना चाहिए. फिर आपको मेरा कमेंट लेना चाहिए. मैं सिर्फ इतना कहना चाहूंगा कि सरकार किसानों की समस्याओं को सुलझाने के लिए प्रतिबद्ध है. निश्चित तौर पर मामला सुलझेगा."

कृषि कानूनों के खिलाफ 'दिल्ली चलो आंदोलन' के तहत 26 नवंबर से पंजाब और हरियाणा के किसान संगठनों ने राजधानी की सीमा का घेराव किया है, जिससे आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति में भी समस्या खड़ी होने के साथ आवागमन भी प्रभावित हुआ है. किसान संगठनों से बातचीत कर सरकार गतिरोध दूर करने में जुटी है. इसी सिलसिले में मंगलवार को दो बार बैठक हुई थी. पहली बैठक करीब 32 किसान संगठनों के नेताओं के साथ विज्ञान भवन में हुई जिसमें केंद्रीय कृषि और किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, रेल और वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल तथा वाणिज्य एवं उद्योग राज्य मंत्री सोम प्रकाश सहित कृषि मंत्रालय के अफसर सरकार की तरफ से शामिल हुए थे.

हालांकि, करीब साढ़े तीन घंटे तक चली बैठक बेनतीजा रही थी जिसके बाद शाम साढ़े सात बजे से कृषि मंत्रालय में हुई एक अन्य बैठक में भारतीय किसान यूनियन के प्रतिनिधियों ने राकेश टिकैत के नेतृत्व में हिस्सा लिया. दोनों बैठकों में मंत्रियों ने किसान नेताओं से नए कानूनों पर लिखित में आपत्तियां उपलब्ध कराने के लिए कहा ताकि तीन दिसंबर को फिर से होने वाली बैठक में उन आपत्तियों पर सही तरह से चर्चा हो सके. अब तीन दिसंबर को दोपहर 12 बजे से होने वाली बैठक पर सभी की निगाहें टिकीं हैं.

नवनीत मिश्र (आईएएनएस)

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