कॉमनवेल्थ कॉन्ट्रैक्ट में कैग को धांधली मिली
९ जनवरी २०११न्यूज एजेंसी पीटीआई ने सूत्रों के हवाले से बताया है कि आयोजन समिति को कैग ने सूचित किया है कि जांच में साफ हो गया है कि कई उपकरणों के लिए बाजार से ज्यादा कीमत चुकाई गई. कॉमनवेल्थ गेम्स खरीदारी के दौरान आयोजन समिति का रुख ऐसा रहा कि कंपनियों ने बढ़ा चढ़ाकर उपकरणों के दाम बताए और आयोजन समिति उनकी खरीदारी को मंजूर करती गई. यह बात कैग रिपोर्ट में साफ हुई है.
दिल्ली में 3 से 14 अक्तूबर तक कॉमनवेल्थ गेम्स का आयोजन हुआ जिसमें संभावना जताई जा रही है कि 70 हजार करोड़ रुपये खर्च हुए. कॉमनवेल्थ गेम्स से संबंधित प्रोजेक्ट में हुए खर्चों की कैग जांच कर रही है. कॉमनवेल्थ गेम्स आयोजन समिति पर भ्रष्टाचार, खरीदारी में धांधली, कॉन्ट्रैक्ट चुनिंदा और खास लोगों को दिए जाने, बाजार से ज्यादा कीमत पर उपकरणों को खरीदने के आरोप लगे हैं.
आयकर विभाग, प्रवर्तन निदेशालय और केंद्रीय सतर्कता आयोग भी कॉमनवेल्थ गेम्स में हुए घोटाले की जांच कर रहा है. नवंबर में कैग ने संकेत दिया था कि कॉमनवेल्थ आयोजन से जुड़ी जांच जनवरी के आखिर तक पूरी कर ली जाएगी.
केंद्रीय जांच ब्यूरी (सीबीआई) भी शुरुआती सुस्ती के बाद छापे की कार्रवाई में जुटा है. 6 जनवरी को दिल्ली में करीब 10 ठिकानों पर छापे मारे गए और चौथी एफआईआर दर्ज की गई. यह एफआईआर 600 करोड़ रुपये से ज्यादा कीमत के उपकरणों की खरीद से संबंधित है.
इससे एक दिन पहले ही सीबीआई ने आयोजन समिति के प्रमुख सुरेश कलमाड़ी से कई घंटे पूछताछ की थी. कलमाड़ी के तीन सहयोगी और आयोजन समिति का हिस्सा रहे संजय महिन्द्रू, टीएस दरबारी और जयचंद्रन को सीबीआई गिरफ्तार कर चुकी है और वे जेल में हैं.
रिपोर्ट: एजेंसियां/एस गौड़
संपादन: महेश झा