कॉमनवेल्थ से भारत की प्रतिष्ठा को झटका
२५ सितम्बर २०१०मूडीज का कहना है कि कॉमनवेल्थ खेलगांव की खराब हालत और सुरक्षा चिंताओं के चलते विश्व पटल पर भारत की प्रतिष्ठा आहत हुई है. इससे भारत में निवेश और पर्यटन की संभावनाओं को धक्का लग सकता है.
"सुरक्षा और तैयारी के प्रति चिंताओं के चलते भारत की दुनिया में छवि खराब हुई है. इसका सीधा असर निवेश और पर्यटन पर पड़ सकता है." दिल्ली में 3 से 14 अक्तूबर तक कॉमनवेल्थ गेम्स होने हैं लेकिन 9 दिन बाकी हैं और खेलगांव में अभी तक काम पूरा नहीं हो सका है.
इन खेलों में 70 से ज्यादा देशों के 9,000 से ज्यादा एथलीट और खेल अधिकारी हिस्सा लेंगे. कॉमनवेल्थ गेम्स जैसे जैसे नजदीक आ रहे हैं, नए विवाद खड़े हो रहे हैं. खेल आयोजन समिति पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे हैं, आयोजन स्थल पर सुविधाओं और सफाई की कमी की बातें भी सामने आई हैं. "भारत में आधारभूत ढांचे के प्रति विश्वास, बड़े आयोजन कराने और पर्यटकों को लुभाने की उसकी क्षमता पर सवाल खड़े हो रहे हैं."
कुछ ही दिन पहले दिल्ली में जवाहर लाल नेहरू स्टेडियम के बाहर एक निर्माणाधीन ओवरब्रिज गिर जाने से 27 लोग घायल हुए. नेहरू स्टेडियम में ही 3 अक्तूबर को उदघाटन समारोह होना है.
खेलों से ठीक पहले इस तरह की खबरें भारत से आने के बाद कई बड़े खिलाड़ियों ने भारत न आने का फैसला किया. कई टीमों ने भारत रवानगी को कुछ दिनों के लिए टाल दिया. मूडीज के मुताबिक दुनिया भर के समाचार पत्रों में ऐसी खबरों से गलत संदेश गया.
हालांकि मूडीज का यह भी कहना है कि अरबों डॉलर के खेल आयोजन से भारत में बुनियादी ढांचे के विकास मिलेगा और इससे होने वाला फायदा खेलों के बाद भी जारी रहेगा.
लेकिन काम पूरा होने में देरी से भारत को उतना लाभ नहीं मिल पाएगा जितना उसे मिल सकता था. मूडीज के मुताबिक खराब पब्लिसिटी का असर कुछ बड़ी कंपनियों के फैसले पर भी पड़ सकता है जो भारत में विस्तार की योजना बना रही हैं.
रिपोर्ट: एजेंसियां/एस गौड़
संपादन: एन रंजन