कॉर्पोरेट लॉबीइंग का नियमन होगा
१५ दिसम्बर २०१०वाणिज्य मामलों के मंत्री सलमान खुर्शीद ने कहा, अभी इस बारे में कोई कानून नहीं है. हमारे पास कोई मसौदा भी नहीं है जिसे हम संसद में पेश कर सकें. लेकिन हमें इसके नियमन के लिए कोई और तरीका सोचना होगा.
नीरा राडिया के टेपकांड के बारे में सवाल पूछने पर मंत्री ने कहा कि हमें सभी मंत्रियों का नजरिया जानना होगा तभी आगे कदम रखा जाएगा.
भारत में इन दिनों कॉर्पोरेट लॉबीस्ट नीरा राडिया की नेताओं, व्यावसाइयों और मीडिया के लोगों के साथ बातचीत लीक होने से खलबली मच है. इससे वीर सांघवी, बरखा दत्त और प्रभु चावला जैसे मशहूर पत्रकार लपेटे में आए हैं. रतन टाटा की साफ छवि को भी धक्का लगा और उन्होंने बातचीत लीक होने के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील कर दी.
एचडीएफसी बैंक के चेयरमन दीपक पारेख ने टेलीफोन टेपिंग और 'निजी बातचीत' के सार्वजनिक होने पर टिप्पणी करते हुए कहा कि इससे इंडस्ट्री की नैतिकता को चोट पहुंची है. "अमेरिका जैसे देशों में लॉबिइंग वैधानिक है लेकिन भारत में इसे कानूनी मान्यता नहीं है."
दूसरी ओर लॉ फर्म टाइटस एंड कंपनी के वरिष्ठ पार्टनर दलजीत टाइटस का कहना है, "लॉबिइंग का मतलब है कि सरकार के फैसलों को बाहर से प्रभावित करना, इसके जरिए भ्रष्टाचार निरोधी अधिनियम के साथ खिलवाड़ भी किया जा सकता है और यह सर्विस रूल के खिलाफ भी जा सकता है." कई समाजसेवियों का कहना है कि अगर सरकार के फैसले बाहर से तय हो तो चुनाव और लोकतंत्र का मतलब ही क्या है.
वहीं भसीन एंड कंपनी के प्रबंधन सहयोगी ललित भसीन कहते हैं, "अमेरिका में लॉबिइंग सिर्फ कॉर्पोरेट्स के लिए नहीं है लेकिन जजों की नियुक्ति में भी यह होता है. यह अमेरिका में फल फूल रहा है और इसे कैनवासिंग के एक तरीके के तौर पर देखा जाता है. लेकिन भारत में यह पब्लिक रिलेशन के तौर पर आगे बढ़ रहा है."
पूर्व टेलिकॉम मंत्री ए राजा के निकट माने जाने वाले चेन्नई की कंपनी ग्रीन हाउस प्रोमोटर्स के मालिक सदिक बाशा के बारे में खुर्शीद से जब पूछा गया तो उन्होंने कहा कि मंत्रालय में उनके बारे में कोई शिकायत नहीं मिली है. कोई तो हमें शिकायत करे.
नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल के बारे में वाणिज्य मंत्री ने कहा, "बजट सेशन के बाद ये आएगा."
2002 में कंपनी एक्ट में सुधार के लिए नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल का प्रस्ताव रखा गया था.
रिपोर्टः एजेंसियां/आभा एम
संपादनः ओ सिंह