कोरोना: क्या भारत में पर्याप्त जांच हो रही है?
१७ अप्रैल २०२०भारत में कोरोना वायरस के मामलों की जांच पर्याप्त संख्या में नहीं हो रही है इस आलोचना को आईसीएमआर और केंद्र सरकार ने नकार दिया है. अपनी टेस्टिंग रणनीति को सही ठहराते हुए, आईसीएमआर ने कहा है कि हर 10 लाख लोगों पर कितने टेस्ट हुए सिर्फ यही सही पैमाना नहीं है. सरकार ने कहा कि जो आंकड़ा सरकार की टेस्टिंग रणनीति की सफलता बयान करता है वो यह है कि भारत में 24 टेस्ट में से एक कोविड-19 पॉजिटिव निकल कर आ रहा है.
इसके मुकाबले जापान में 11.7 टेस्ट में से एक पॉजिटिव है, इटली में 6.7 में से एक, अमेरिका में 5.3 में से एक और ब्रिटैन में 3.4 में से एक. आईसीएमआर ने इस बात से भी इंकार किया कि भारत की टेस्टिंग क्षमता कम है और कहा कि रोजाना 42,418 सैंपल टेस्ट किए जा सकते हैं. इसके अलावा केंद्र सरकार ने यह भी कहा कि भारत में कोविड-19 के मरीजों में से मर जाने वालों की दर 3.3 प्रतिशत है, जो कि विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा बताई गई वैश्विक दर 3.4 प्रतिशत के लगभग बराबर ही है.
सरकार के अनुसार भारत में कोविड-19 के मरीजों के ठीक होने की दर 12.02 प्रतिशत है. आने वाले दिनों में टेस्टिंग की गति और बढ़ाए जाने की उम्मीद है क्योंकि चीन से मंगवाए गए पांच लाख टेस्टिंग किट भारत पहुंच चुके हैं और 6.5 लाख अतिरिक्त किट चीन से भेजे जा चुके हैं. यह सारे रैपिड टेस्टिंग किट हैं और इनका इस्तेमाल सिर्फ सर्विलांस के लिए होगा, हॉटस्पॉट स्थानों पर नजर रखने के लिए और यह जानने के लिए हॉटस्पॉट बढ़ रहे हैं या कम हो रहे हैं.
आईसीएमआर ने यह भी कहा कि गुरूवार को देश में पहली बार एक दिन में 30 हजार से ज्यादा टेस्ट किए गए, जिनमें से 27,256 टेस्ट आईसीएमआर के ही नेटवर्क में किए गए. इनमें से 1,206 सैंपल पॉजिटिव पाए गए. देश में संक्रमण के कुल मामलों की संख्या अब 13,387 हो गई है, जिसमें ठीक होने वालों की संख्या है 1,749 और मरने वालों की संख्या है 437. 1000 से ज्यादा मामलों वाले राज्यों की संख्या बढ़ कर पांच हो गई है. इनमें महाराष्ट्र में 3,205 मामले हैं, दिल्ली में 1,640, तमिलनाडु में 1,267, राजस्थान में 1,131 और मध्य प्रदेश में 1,120. गुजरात में 930 मामले हो चुके हैं.
प्रवासी श्रमिकों का पलायन फिर शुरू
इसी बीच देश के कुछ हिस्सों से एक बार फिर प्रवासी श्रमिकों के उनके गृह राज्य की तरफ पैदल पलायन की खबरें आ रही हैं. तालाबंदी बढ़ाए जाने के बाद यह श्रमिक एक बार फिर अपने अपने ठिकानों से निकल गए. बताया जा रहा है कि मुंबई-आगरा हाइवे पर इस समय सैकड़ों श्रमिक पैदल चल रहे हैं और अपने अपने गांवों की तरफ जा रहे हैं. इनमें से कइयों को पुलिस ने वापस भेज दिया है लेकिन कई पुलिस से बच कर निकल भी गए हैं.
__________________________
हमसे जुड़ें: Facebook | Twitter | YouTube | GooglePlay | AppStore