कोरोना: जहां सैलानियों का सैलाब होता था अब वहां सन्नाटा है
कोरोना वायरस ने दुनिया भर में दहशत मचा रखी है. उसकी वजह से दिन रात गुलजार रहने वाले पर्यटन केंद्र सुनसान पड़े हैं. इस बीच विमान परिवहन को रोके जाने और लॉकडाउन के कारण कई देशों में यही हालत है.
सोया है अनादि शहर
यूरोप में इटली कोरोना वायरस से सबसे ज्यादा प्रभावित है. पूरा देश क्वारंटीन में है. दुकानें बंद हैं, शहर बंद हैं और सैलानी वापस अपने अपने देशों को जा चुके हैं. रोम का प्रसिद्ध पीटर स्क्वायर बंद पड़ा है. संग्रहालय और दूसरे दर्शनीय स्थल भी बंद हैं.
सूना और शांत मिलान
उत्तरी इटली में सिर्फ पक्षियों का झुंड रास्तों पर जाने की हिम्मत जुटा पा रहा है. मिलान का प्रसिद्ध कैथीड्रल खाली पड़ा है और अकेला आसमान की ओर तकता दिख रहा है. इटली में कर्फ्यू लगा है. लोगों को सिर्फ काम करने या जरूरी सामान खरीदने जाने की छूट है.
मैड्रिड का सन्नाटा
इटली के बाद कोरोना से सबसे ज्यादा प्रभावित यूरोपीय देश स्पेन है. वहां भी कर्फ्यू लगा है. नतीजतन राजधानी मैड्रिड का व्यस्ततम इलाका प्लाजा मायोर खाली पड़ा है. हर साल यहां लाखों सैलानी आते हैं. इस इलाके में 3000 से ज्यादा रेस्तरां, बार, कॉफी हाउस और ताबेर्ना हैं.
सेंट स्टीफन कैथीड्रल
अब ऑस्ट्रिया के निवासी भी जब मनचाहे घरों से बाहर नहीं निकल सकते. कोरोना के प्रसार को रोकने के लिए 18 मार्च से स्कूलों, कॉलेजों के अलावा सारे पबों और रेस्तरां को भी बंद कर दिया गया है. शहर का प्रतीक सेंट स्टीफन कैथीड्रल बंद है. प्रार्थना सभाएं श्रद्धालुओं के बिना हो रही हैं.
चेक रिपब्लिक भी सील
राजधानी प्राग के चार्ल्स ब्रिज पर हमेशा भीड़ होती है. अब शहर का ये प्रतीक सुनसान पड़ा है. चेक रिपब्लिक ने भी इमरजेंसी घोषित कर दी है और देश को आवाजाही के लिए पूरी तरह सील कर दिया है. विमान सेवाओं के अलावा लंबी दूरी वाली बस व ट्रेन सेवाएं भी रोक दी गई हैं.
फ्रांस में इमरजेंसी
फ्रांस के राष्ट्रपति इमानुएल माक्रों ने कहा है कि उनका देश कोरोना वायरस के खिलाफ स्वास्थ्य युद्ध लड़ रहा है. और गृह मंत्री ने सबको युद्ध का साथी बना लिया है जिन्हें अब घर पर रहना है. राजधानी के प्रसिद्ध ठिकाने आइफिल टॉवर और लूव्रे म्यूजियम सुनसान पड़े हैं.
बर्लिन के आकर्षण
कोरोना के डर का साया अब जर्मन राजधानी बर्लिन पर भी दिखने लगा है. सैलानी शहर छोड़कर लौट चुके हैं. कर्फ्यू लगाए जाने से पहले ही शहर खाली दिखने लगा है. थिएटर और म्यूजियमों के अलावा संसद भवन के नामी गुंबद को भी पर्यटकों के लिए बंद कर दिया गया है.
स्लीपिंग मोड में टूरिज्म
जिन आकर्षणों को देखने की कोई फीस नहीं लगती, वे भी सैलानियों के बिना सूने पड़े हैं. सड़कों पर इक्का दुक्का सैलानी दिखाई देते हैं. कभी बर्लिन के दो हिस्सों में बंटे होने की निशानी ब्रांडेनबुर्ग गेट भी सूना पड़ा है. ये तस्वीर आम तौर पर लेना संभव नहीं, लेकिन इस समय यह सन्नाटा सालता है.
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