कोरोना से मरते लोगों को अंतिम संस्कार भी मयस्सर नहीं
२२ मार्च २०२०क्रोमोना के पास एक कब्रिस्तान में झटपट तरीके से उन्हें दफना दिया गया. उनकी पोती मार्टा मानफ्रेडी अपने दादा को अंतिम विदाई भी नहीं दे सकीं. जब उन्हें दफनाया जा रहा था तो परिवार के ज्यादातर सदस्य वहां नहीं थे. वायरस फैलने के डर से इटली के ज्यादातर लोगों की तरह वे भी अपने घरों में कैद रहे.
मार्टा मानफ्रेडी कहती हैं, "उन्हें बस यूं ही दफना दिया गया. कोई विधिवत अंतिम संस्कार नहीं हुआ, ना उनके प्रियजन वहां थे. बस पादरी ने दुआ पढ़ी." वह कहती हैं, "जब यह सब खत्म हो जाएगा, तो हम उनके अंतिम संस्कार की बाकायदा सभी रस्में करेंगे."
कोरोना वायरस दुनिया भर में सभी धर्मों और संस्कृतियों के लोगों को शिकार बना रहा है. ऐसे में वायरस से मारे गए लोगों के सम्मान में होने वाले अनुष्ठान लगभग ना के बराबर हो रहे हैं. वायरस को फैलने से रोकने के लिए ऐसा किया जा रहा है.
मृतकों के मुंह पर मास्क
आयरलैंड में स्वास्थ्य अधिकारियों ने मुर्दाघरों में काम करने वाले लोगों को निर्देश दिया है कि मृत लोगों के मुंह पर मास्क लगा दें, ताकि उनसे होने वाले संक्रमण के छोटे से छोटे खतरे को भी रोका जा सके. इटली में अंतिम संस्कार से जुड़ी एक कंपनी वीडियो लिंक का इस्तेमाल कर रही है ताकि परिवार वाले देख सकें कि उनके मृत परिजन का अंतिम संस्कार पादरी की मौजूदगी में और उसके आशीर्वाद से हो रहा है. दक्षिण कोरिया में भी वायरस फैलने के डर से लोग अपने परिजन को दफनाए जाने वक्त कब्रिस्तान जाने से डर रहे हैं.
सबसे मुश्किल हालात इस वक्त इटली में हैं जहां कोरोना वायरस की वजह से सबसे ज्यादा लोग मारे जा रहे हैं. संक्रमण से सबसे ज्यादा प्रभावित शहरों में से एक बेरगामो में कब्रिस्तानों के प्रबंधन से जुड़े एक स्थानीय अधिकारी जाकोमो अंजेलोनी कहते हैं कि अंतिम संस्कार की रस्मों के लिए समय ही कहां है क्योंकि मुर्दाघर लाशों से भरे हुए हैं और कब्रिस्तानों को 24 घंटे काम करना पड़ रहा है.
उनका कहना है कि बेरगामो में 1.2 लाख लोग रहते हैं और कोरोना वायरस के कारण यहां मरने वालों की संख्या सामान्य समय के मुकाबले पांच से छह गुना बढ़ गई है. इटली की सेना ने बेरगामो में 50 सैनिक और 15 ट्रक भेजे ताकि शवों को उन प्रांतों के कब्रिस्तान में ले जाकर दफनाया जा सके जहां स्थिति इतनी खराब नहीं है.
ईरान की हालत भी खराब
इटली की तरह ईरान में भी हालात बहुत खराब हैं. अस्पताल और कब्रिस्तान में शवों की तादाद बढ़ रही है. राजधानी तेहरान के बेहश्त-ए-जाहरा कब्रिस्तान के एक प्रबंधक का कहना है कि कब्रें खोदने के लिए नए लोगों को काम पर लगाया गया है. उन्होंने कहा, "हम रात दिन काम कर रहे हैं. मैंने कभी इस तरह की स्थिति नहीं देखी. अंतिम संस्कार की रस्में भी नहीं हो रही हैं." वह बताते हैं कि ज्यादातर शव ट्रकों के जरिए आ रहे हैं और उन्हें इस्लामी रस्मों के बिना ही जमीन में दफन किया जा रहा है.
इस बीच, ईरान में कई लोगों को संदेह है कि अधिकारी इसलिए भी लोगों को तुरत फुरत दफना रहे हैं ताकि मरने वालों का सही आंकड़ा पता ना चल सके. ईरान की सरकार पर कोरोना वायरस की रोकथाम के लिए पर्याप्त कदम न उठाने के आरोप भी लग रहे हैं.
रविवार तक ईरान में कोरोना वायरस से मरने वालों की संख्या डेढ़ हजार को पार कर गई है. ईरानी शहर कासान के एक अस्पताल के एक कर्मचारी का कहना है कि वहां कोरोना वायरस से होने वाली मौतों का कारण दिल का दौरा या फिर फेंफड़ों का संक्रमण दर्ज किया जा रहा है. कर्मचारी का कहना है, "मृतकों के आंकड़े के बारे में अधिकारी झूठ बोल रहे हैं. मैंने हाल के दिनों में दर्जनों लोगों के शव देखे हैं लेकिन उन्होंने हमसे इस बारे में बात ना करने को कहा है."
आरोपों के घेरे में ईरान सरकार
ईरानी अस्पतालों में काम करने वाली दो नर्सों ने रॉयटर्स को बताया कि उन्हें भी लगता है कि मरने वालों की संख्या उससे कहीं ज्यादा है जितना सरकार बता रही है. हालांकि ईरानी अधिकारी ऐसे आरोपों से इनकार कर रहे हैं. 18 मार्च को ईरानी राष्ट्रपति हसन रोहानी ने टीवी पर राष्ट्र के नाम संबोधन में कहा कि उनकी सरकार देश के सामने पूरी ईमानदारी और सच्चाई से स्थिति का ब्यौरा रखेगी.
अंतिम संस्कार से जुड़ी कंपनियां घाटा उठाने को मजबूर हैं. कई देशों में ऐसे मामले सामने आए हैं जब अंतिम संस्कार से लौटे लोगों में संक्रमण पाया गया. स्पेन के उत्तरी शहर विक्टोरिया में फरवरी के आखिर में ऐसे मामले देखने को मिले. स्थानीय मीडिया की रिपोर्टों में कहा गया है कि अंतिम संस्कार से लौटे कम से कम 60 लोगों में कोरोना वायरस का संक्रमण पाया गया.
चीनी शहर वुहान, जहां से यह वायरस दुनिया भर में फैला, वहां जल्द ही लोगों ने महसूस कर लिया था कि अंतिम संस्कार में लोगों के जमा होने से इस वायरस के फैलने का खतरा होता है. ऐसे में, इटली, ब्रिटेन, दक्षिण कोरिया, ईरान और इस्राएल समेत दुनिया के कई देशों में कोरोना वायरस से मारे गए लोगों को बिना पर्याप्त रस्मों के बस ऐसे ही दफनाया जा रहा है.
एके/एमजे (रॉयटर्स)
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