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कौन काट रहा है ब्राजील में अमेजन के जंगल

२४ अप्रैल २०१९

पूरी दुनिया में मशहूर अमेजन के वर्षा वनों का तेजी से सफाया हो रहा है. ब्राजील में जंगलों पर निर्भर आदिवासी समुदाय इसके लिए सरकार को दोष देता है. साथ ही दावा करता है कि अगर कटाई नहीं थमी तो वे तीर-धनुष से मुकाबला करेंगे.

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Brazilien Amazonas illegale Rodungen von Regenwald
तस्वीर: AFP/M. Pimentel

अपने कंधे पर राइफल टांगे तातजी अरारा जब अमेजन के जंगलों से गुजरते हुए अपने सामने कटे पेड़ों को देखते हैं तो उनके चेहरे पर मायूसी छा जाती है. अमेजन के वर्षा वनों से इमारती लकड़ी हासिल करने के लिए तस्कर अब पेड़ों का तेजी से सफाया कर रहे हैं.

Brazilien Amazonas illegale Rodungen von Regenwald
तस्वीर: AFP/M. Pimentel

ब्राजील के उत्तरी प्रांत पारा में रहने वाले 41 साल के तातजी अरारा यहां बसे स्थानीय लोगों के नेता हैं. उन्होंने बताया, "हर दिन हम नए पेड़ों को कटा हुआ देखते हैं, इसके पहले यहां ऐसा कभी नहीं हुआ." उन्होंने बताया कि अरारा क्षेत्र में हो रही अवैध कटाई ब्राजील में राष्ट्रपति जेयर बोल्सोनारो के सत्ता में आने के बाद से बढ़ गई है.

अमेजन वर्षा वनों का 60 फीसदी हिस्सा ब्राजील में पड़ता है. पिछले साल अपने चुनाव प्रचार में राष्ट्रवादी नेता बोल्सोनारो बार-बार कह रहे थे कि वह एक सेंटीमीटर जमीन भी ब्राजील के मूल (आदिवासी) समुदायों को नहीं देंगे. पारा में सक्रिय संरक्षण समूह इमाजेन के मुताबिक जंगलों में अवैध कटाई पिछले साल के मुकाबले इस साल 54 फीसदी तक बढ़ गई है. 37 फीसदी प्रभावित क्षेत्र पारा के जंगलों में है. अरारा क्षेत्र में रहने वाले आदिवासियों की संख्या करीब 300 है, जिन्हें साल 1991 से सरकारी संरक्षण मिला हुआ है.

Brazilien Amazonas illegale Rodungen von Regenwald
तस्वीर: Getty Images/AFP/M. Pimentel

हालांकि जलवायु परिवर्तन पर शक जताने वाले बोल्सोनारो के शासन में उन्हें डर भी सता रहा है. इस पर ब्राजील के लोकप्रिय फुटबॉल क्लब फ्लामेंगी की टीशर्ट पहलने तातजी कहते हैं, "बोल्सोनारो लोगों में जहर भर रहे हैं. कई लोगों को लगता है कि वह हमसे हमारी जमीन छीन लेंगे, लेकिन हम ऐसा नहीं होने देंगे." उन्होंने कहा, "अगर लकड़ी का अवैध कटाई चालू रही तो हमारे लड़ाके अपने तीर और धनुष उठा लेंगे, और फिर खून खराबा होगा."

जंगलों की अवैध कटाई से पहले ब्राजील के आदिवासियों को मॉर्डनाइजेशन यानि आधुनिकीकरण ने भी बहुत तंग किया है. देश में बनी बेलो मोंटे बांध परियोजना के चलते भी कई सौ लोगों को विस्थापन के लिए मजबूर होना पड़ा था. इतना ही नहीं बीते सालों में बना एक एक नेशनल हाइवे भी इन्हीं जंगलों की कीमत पर खड़ा किया गया. इलाके में बढ़ती अवैध कटाई हिंसा को भी बढ़ावा दे रही है.

Brasilien l Zerstörung des Regenwaldes in Para
तस्वीर: Misereor/Florian Kopp

तातजी अरारा एक जले हुए ट्रक का मलबा दिखाते हुए बताते हैं कि तस्करों का एक गुट जब लकड़ी से भरा ट्रक ले जा रहा था तो उसमें स्थानीय लोगों ने आग लगा दी. भारी मशीनों के प्रयोग ने तस्करों के लिए जंगलों का रास्ता साफ कर दिया है. लोग बताते हैं कि लूटने वालों को रास्ते में छूटी हुई लकड़ी को हटाने की भी कोई जल्दी नहीं रहती. अगर कुछ रह जाता है तो वे अगले दिन उठाने का सोच कर चले जाते हैं. तातजी ने बताया कि, "जब कभी तस्कर पकड़े जाते हैं तो वे कहने लगते हैं कि यह जमीन किसी भी नहीं है. यहां रहने वाले लोग आलसी हैं और वे सोयाबीन नहीं लगाना चाहते."

ब्राजील की सरकार ने आदिवासियों के 566 क्षेत्रों की पहचान की है, जो देश के कुल क्षेत्रफल का लगभग 13 फीसदी हिस्से के करीब है. साल 1988 के बाद से आदिवासियों के जमीन पर अधिकार देश के संविधान में शामिल है. यह अधिकार आदिवासियों को खनन या लकड़ी काटने जैसी गतिविधियों से रोकते हैं और ये इनके पारंपरिक जीवन के लिए खतरा है.

प्रशासन आदिवासियों और सरकार के बीच बढ़ रहे गतिरोध को काम करने की बात तो कहता है लेकिन अब तक कोई ठोस फैसला नहीं लिया गया है. कुल मिलाकर अमेजन के वर्षा वनों से जुड़े क्षेत्रों पर तनाव बढ़ता जा रहा है और अब तक कई मानव अधिकार कार्यकर्ता अपनी जान गवां चुके हैं. अरारा के स्थानीय लोग कहते हैं कि ये जंगल पूरी दुनिया को ऑक्सीजन दे रहे हैं, और सरकार को कुछ ठोस कदम उठाने चाहिए.

एए/आरपी (एएफपी)

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