क्या तुर्की का हमला असद के लिए मौका है
१५ अक्टूबर २०१९अमेरिकी सेना के उत्तर पूर्वी सीरिया में पीछे हटने के बाद तुर्की ने यहां अपना वर्चस्व बनाने के लिए हमले का दायरा बढ़ा दिया है. इस बीच सीरिया की सेना भी वहां पहुंच गई है और अहम ठिकानों पर मोर्चा जमा लिया है. खासतौर से मनबीज जैसे शहरों में लड़ाई और तेज होने के आसार बढ़ गए हैं. सीरिया ने 2012 में गृह युद्ध छिड़ने पर इलाके से अपनी सेना वापस बुला ली थी. आठ साल बाद यहां लौटने का फैसला रूसी समर्थन से मजबूत हुए असद की ताकत बढ़ने का एक संकेत है, वहीं यह कुर्दों को स्वायत्त इलाके में कमजोर भी करेगा. हालांकि सीरिया की सेना कुर्दों के साथ हुए समझौते के बाद ही यहां आई है.
मौजूदा संकट इस इलाके से अमेरिका के अपनी फौज को वापस बुलाने के फैसले से शुरू हुआ है. हालांकि अंतरराष्ट्रीय आलोचना झेलने के बाद राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने कहा है कि वह तुर्की पर नए प्रतिबंध लगा रहे हैं. इसके साथ ही तुर्की के साथ कारोबार पर बातचीत बंद कर दी गई है और स्टील पर शुल्क बढ़ा दिया गया है. ये कदम तुर्की पर दबाव बनाने के लिए उठाए गए हैं ताकि उसे हमला रोकने के लिए मजबूर किया जा सके. उप राष्ट्रपति माइक पेंस का कहना है कि ट्रंप उन्हें मध्यपूर्व के दौरे पर भेज रहे हैं क्योंकि राष्ट्रपति इलाके में बढ़ी अस्थिरता से चिंतित हैं.
पेंस ने बताया कि ट्रंप ने तुर्की के नेता रेचप तय्यप एर्दोवान से सोमवार को बात की और कहा कि वो तुर्की के सैन्य अभियान को तुरंत रोक दें. उन्होंने यह भी कह कि अमेरिका, "सामान्य रूप से तुर्की के सीरिया में आक्रमण को और ज्यादा सहन नहीं करेगा."
बीते पांच दिनों में तुर्की के सेना और उसके सहयोगी उत्तर के शहरों और गांवो में घुस गए हैं. करीब 200 किलोमीटर के दायरे में उनकी कुर्द लड़ाकों से लड़ाई हुई है. इस अभियान में कम से कम 130,000 लोगों के विस्थापित होने की बात कही जा रही है.
तल ताम्र अस्पताल में तुर्की की गोलीबारी का निशाना बने दर्जनों लोगों का इलाज चल रहा है. वहां के एक कर्मचारी ने चीखते हुए कहा, "कहां है संयुक्त राष्ट्र? उन्हें यहां आने दो फर्श पर बिखरे बच्चों के खून देखने दो, वो यहां दिखाई क्यों नहीं देते?"
मुश्किल हालात में अकेला छोड़ दिए गए कुर्दों ने असद और रूस से मदद मांगी, जिसके बाद सीरिया की सेना इलाके में पहुंची है और कुर्दों की मदद करने को तैयार है. कुर्द अधिकारी अलदार खलील ने एक बयान में कहा कि सीमा पर रास अल आयन और ताल अबयाद के बीच के इलाके को छोड़ बाकी पूरे सीमावर्ती इलाके में सीरिया की सेना तैनात करने पर समझौता हुआ है. इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि स्वायत्त प्रशासन उत्तर पूर्वी सीरिया में रोजमर्रा के कामों को पहले की तरह चलाता रहेगा.
सीरिया का सरकारी मीडिया सेना के उत्तरी शहरों और गांवों में पहुंचने की तस्वीरें दिखा रहा है. यहां पर लोग असद के समर्थन में नारे लगा रहे हैं और सैनिकों से गले मिल रहे हैं. उत्तरी शहर के एक गांव के वासियों ने सैनिकों का स्वागत उन पर चावल के दाने छिड़क कर किया. इसी तरह एक गांव में मोटरसाइकिल पर सवाल दर्जनों युवाओं ने चक्कर लगाए और कुछ लोगों ने असद के पोस्टर हवा में लहराए. एक सीरियाई अधिकारी ने कहा, "हम अपनी सामान्य स्थिति पर लौट रहे हैं और वह है सीमा."
इस नाटकीय घटनाक्रम ने कुर्दों का सपना तोड़ दिया है. कुर्दों ने इलाके में कुछ हद तक स्वायत्तता हासिल कर ली थी जो गृहयुद्ध के पहले असंभव मानी जा रही थी. इससे पहले असद परिवार के शासन में उनका दमन ही हुआ था. कभी एक कबाइली गुट रहे कुर्द सीरिया में एक मजबूत ताकत बन कर उभरे और अब वहां के करीब 30 फीसदी इलाके पर उनका नियंत्रण है. कुर्दों ने अमेरिका के साथ कंधे से कंधा मिला कर इस्लामिक स्टेट को शिकस्त देने में बड़ी भूमिका निभाई.
उनके इलाके में सीरिया की सेना का आना लंबे समय से चले आ रहे गृह युद्ध में एक अलग पड़ाव है जो जंग से लहूलुहान देश में असद के असर को और मजबूत करेगा. सीरिया की सेना उत्तरी राज्य रक्का में बसों और पिकअप ट्रकों पर सवार हो कर आई जिनकी छतों पर मशीन गन लगी हुई थी. सैनिक अल ताम्र में आए हैं जो तुर्की की सेना से करीब 20 किलोमीटर दूर है. इसके बाद सेना कुर्द नियंत्रण वाले मनबीज शहर में दाखिल हुई, इसी दिशा में तुर्की की सेना भी बढ़ रही है. मनबीज में अमेरिका की सेना की चौकियां हैं जो 2017 में बनाई गई थीं. एक अमेरिकी अधिकारी ने बताया कि सेना अब भी शहर में हैं और यहां से निकलने की तैयारी में जुटी है.
फरात नदी के पश्चिमी किनारे पर बसे मनबीज शहर पर नियंत्रण के लिए तुर्की की सेना बढ़ रही है. एर्दोवान का कहना है कि वो इस शहर को अरब लोगों को लौटाएंगे जो इसके असली मालिक हैं. एर्दोवान का कहना है कि उत्तर पूर्वी सीरिया में तुर्की का हमला जरूरी है. उन्होंने इसकी तुलना 1974 में साइप्रस में किए सैन्य दखल से की जिसके बाद यह द्वीप दो हिस्से में बंट गया. एर्दोवान ने यह भी कहा है कि अंतरराष्ट्रीय निंदा होने के बाजवदू वह हमले जारी रखेंगे.
तुर्की की सैन्य कार्रवाई ने तुर्की और सीरिया के बीच झड़प और इस्लामिक स्टेट के फिर से उभरने की आशंका पैदा कर दी है. तुर्की ने अपने नाटो सहयोगियों यूरोप और अमेरिका को भी कहा है कि वह उनके रास्ते में ना आएं. यूरोपीय संघ ने एकमत से तुर्की की सैन्य कार्रवाई की निंदा की है और अपने सभी 28 सदस्य देशों से कहा है कि वो तुर्की को हथियारों की बिक्री बंद कर दें.
इस बीच मास्को में रूसी राष्ट्रपति कार्यालय के प्रवक्ता ने कहा है कि रूस और तुर्की के अधिकारी लगातार संपर्क में बने हुए हैं. ऐसा लगता है कि रूस तुर्की और सीरिया के बीच विवाद को कम करने की कोशिश में है.
एनआर/एके (एपी)
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