खाड़ी देशों ने कतर को और 48 घंटे की मोहलत दी
३ जुलाई २०१७संबंध बहाली के लिए खाड़ी देशों की तरफ से रखी गयी मांगों पर जवाब देने की 10 दिन की समयसीमा रविवार को खत्म हो गयी. इस मामले में कुवैत मध्यस्थता की कोशिश कर रहा है. उसके आग्रह पर इस मियाद को 48 घंटे और बढ़ा दिया गया है.
सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात, बहरीन और मिस्र ने कतर पर आतंकवाद को समर्थन देने के आरोप लगाते हुए 5 जून को उससे सभी राजनयिक संबंध तोड़ लिए थे. इसके बाद कतर के लिए सभी हवाई और समुद्री रास्ते बंद कर दिये थे. चारों देशों ने अपने यहां रह रहे कतर के नागरिकों को अपने देश लौट जाने के भी आदेश दिये थे. वहीं कतर खाड़ी देशों के आरोपों से इनकार करता है.
सऊदी अरब के नेतृत्व में खाड़ी देशों ने 13 मांगों की सूची सामने रखी और इन्हें पूरा होने पर ही कतर से संबंध बहाल करने की बात कही. इन मांगों में समाचार चैनल अल-जजीरा को बंद करना, ईरान के साथ राजनयिक संबंध तोड़ना और तुर्की का सैन्य अड्डा बंद करने समेत कई मांगें शामिल हैं. एक साझा बयान में चारों देशो ने 10 दिन की इस समयसीमा को अब 5 जुलाई तक बढ़ा दिया है.
इस बीच अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने कतर के अमीर शेख तमीम बिन हमद अल थानी और सऊदी अरब के शाह सलमान से फोन पर बात की. कतर अमेरिका का नजदीकी सहयोगी है जबकि उससे रिश्ते तोड़ने वाले खाड़ी देशों से भी अमेरिका के घनिष्ठ संबंध हैं. कतर में अमेरिका का एक अहम सैन्य अड्डा है जहां 10 हजार सैनिक तैनात हैं. कतर की मीडिया रिपोर्टों के अनुसार डॉनल्ड ट्रंप और कतर के अमीर के बीच आतंकवाद के मुद्दों पर बातचीत हुई.
चारों देशों ने कतर पर आतंकवाद को समर्थन देने और सुन्नी देश ईरान से नजदीकियों के आरोप लगाते हुए संबंध तोड़े थे. कतर लंबे समय से आतंकवाद को समर्थन देने के आरोपों को नकारता आया है. वैसे वह प्राकृतिक गैस के भंडार का काफी समुद्री हिस्सा ईरान के साथ साझा करता है.
एसएस/एक (एपी)