खूंखार बॉस से राहत दिलाएगा कुत्ता
३१ मार्च २०१२ताजा वैज्ञानिक अध्ययन कहता है कि पालतू कुत्ते के आस पास रहने वाले लोग तनाव का कम शिकार बनते हैं. कुत्ता माहौल में एक किस्म की खुशगवारी फैलाता है. अमेरिका के वर्जीनिया कॉमनवेल्थ यूनिवर्सिटी बिजनेस स्कूल के प्रोफेसर रैनडोल्फ बार्कर कहते हैं, "सीधी बात यह है कि दफ्तर में कुत्ते की मौजूदगी सकारात्मक बदलाव ला सकती है. कुत्ते तनाव के स्तर को बहुत हद तक खत्म कर सकते हैं."
प्रोफेसर बार्कर के मुताबिक कुत्ता साथ में होने पर कर्मचारियों की कुशलता, गैरमौजूदगी और नैतिक जिम्मेदारियों में सकारात्मक बदलाव आता है. रिसर्च में शामिल 76 लोगों को तीन समूहों में बांटा गया. पहला समूह कुत्ते को लेकर दफ्तर आने वालों का, दूसरा कुत्ते को घर छोड़कर आने वालों का और तीसरा ग्रुप बिना कुत्ते वालों का था. अध्ययन में पता चला कि सभी कर्मचारी दिन की शुरुआत में कम तनाव में रहते थे. लेकिन दिन आगे बढ़ने के साथ कुत्ता न पालने वाले कर्मचारियों और कुत्ते को घर पर छोड़कर आने वाले कर्मचारियों में तनाव का स्तर बढ़ता चला गया. बार्कर कहते हैं, "साफ पता चलता है कि कुत्ते के साथ दफ्तर आने वालों में नौकरी के प्रति ज्यादा संतुष्टि रहती है."
हालांकि रिसर्चरों को कुछ अन्य दिक्कतों का सामने करना पड़ा. जैसे कई बार कुत्ते भौंक भौंक कर परेशान करते हैं. कुछ लोगों को कुत्तों की वजह से एलर्जी होने लगी. इसके जवाब में बार्कर कहते हैं कि कुत्तों को अच्छे बर्ताव और शांत रहने की ट्रेनिंग दी जानी चाहिए.
रिसर्च टीम का मानना है कि दफ्तरों में कुत्ते लाने की इजाजत देने से कंपनियों को काफी फायदा होगा. तनाव कम होने के अलावा ऐसा करने से बहाना बनाकर छुट्टी मार लेने वालों की संख्या कम होगी. अमेरिकी कंपनी रिपलेस्मेंट लिमिटेड अपने 550 कर्मचारियों को कुत्ते के साथ दफ्तर आने देती है. कंपनी के मुताबिक उसके यहां लोग नौकरी बहुत कम छोड़ते हैं.
दो साल पहले मिशिगन यूनिवर्सिटी का एक शोध भी कह चुका है कि कुत्तों की मौजूदगी में कर्मचारी एक दूसरे पर ज्यादा भरोसा करते हैं और बेहतर ढंग से आपसी सहयोग करते हैं. अमेरिकी संथ्या ह्यूमन सोसाइटी लगातार दफ्तरों को डॉग फ्रेंडली बनाने की मांग कर रही है.
रिपोर्ट: एएफपी/ओ सिंह
संपादन: ए जमाल