'गद्दाफी के देश छोड़ने की संभावना'
२३ मार्च २०११अमेरिकी विदेश मंत्री हिलेरी क्लिंटन ने एबीसी टेलीविजन के साथ इंटरव्यू में कहा कि गद्दाफी के हवाले से कई लोग विकल्प ढूंढ रहे हैं कि कहां जाया जा सकता है. "यह बिलकुल गद्दाफी के व्यव्हार का तरीका है, बिना अनुमान के. लेकिन हमें लगता है कि कुछ लोग सोच रहे हैं कि लीबिया छोड़ कर कहां जाया जा सकता है, क्या किया जा सकता है. हम इसे प्रोत्साहित करेंगे."
संघर्ष जारी रहेगा
लेकिन मंगलवार देर रात गद्दाफी ने सरकारी टेलीविजन में अपने भाषण में लड़ाई के प्रति प्रतिबद्धता जताई और कहा, "हम सिर नहीं झुकाएंगे. हम किसी भी तरह लडेंगे. इसके लिए हम तैयार हैं चाहे लंबा संघर्ष हो या छोटा. जीत हमारी ही होगी."
चाहे पश्चिमी देशों की अटकलों के बीच गद्दाफी ने लीबिया छोड़ने से साफ इनकार किया. "मैं यहीं रहूंगा, यहां मेरा घर है. मैं अपने टेंट में रह रहा हूं. मैं यहीं हूं."
इस भाषण के बाद गद्दाफी के समर्थकों का शोर सुना गया और हवा में गोली चलने की आवाजें भी. अंतरराष्ट्रीय समुदाय पर शाब्दिक हमला करते हुए गद्दाफी ने कहा, "हर जगह इस हमले के विरोध में प्रदर्शन हो रहे हैं. यह हमला संयुक्त राष्ट्र चार्टर का उल्लंघन है. यह हमला कुछ फासीवादी लोगों ने किया है जो इतिहास के कचरे के डब्बे में खो जाएंगे."
वहीं अमेरिका के राष्ट्रपति बराक ओबामा ने विश्वास जताया है कि अमेरिका कुछ ही दिनों में लीबिया की सेना का नियंत्रण खत्म कर अंतरराष्ट्रीय गठबंधन के हाथों नियंत्रण देगा.
सुरक्षा देंगे
पश्चिमी देशों के बीच अभी इस बात पर सहमति नहीं बन सकी है कि हमले का नेतृत्व कौन करेगा. लेकिन राष्ट्रपति ने भरोसा जताया है कि जल्द ही इस पर सहमति बन जाएगी.
मंगलवार को ओबामा फ्रांसिसी राष्ट्रपति निकोला सारकोजी और ब्रिटिश प्रधानमंत्री डेविड कैमरन से बात की. दोनो ही नेताओं ने सहमति जताई है कि नाटो लीबिया को उड़ान प्रतिबंधित क्षेत्र घोषित करने में एक अहम निभाए.
अमेरिका के लीबिया में सुरक्षा हितों पर बयान देते हुए ओबामा ने कहा कि उन्होंने सिर्फ संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव का समर्थन किया है क्योंकि गद्दाफी ने कहा था कि वह बेनगाजी में विरोध प्रदर्शनकारियों को रोकने में कोई दया नहीं दिखाएंगे. ओबामा के मुताबिक जब तक गद्दाफी राजनीतिक सुधारों और अपने पद से हटने के लिए तैयार नहीं होते. अमेरिका लीबिया के लोगों को सुरक्षा देने की कोशिश करेगा लेकिन हम नेतृत्व नहीं करेंगे.
मंगलवार को लड़ाई में गद्दाफी की सेना ने विरोध प्रदर्शनकारियों के कब्जे वाले शहर मिसराता में भारी हमला किया. इसमें तीन बच्चे भी मारे गए. सोमवार को यहां हमलों में मारे जाने वाले लोगों की संख्या 40 हो गई. स्थानीय लोगों ने हालात को बहुत ही गंभीर बताया है.
रिपोर्टः एजेंसियां/आभा एम
संपादनः ओ सिंह