गद्दाफी पर गरजे ओबामा और कैमरन
२५ मई २०११लंदन में संयुक्त रूप से एक प्रेस कान्फ्रेंस में उन्होंने कहा कि अंततः गद्दाफी को सत्ता छोड़नी पड़ेगी. कैमरन ने इस बात से इंकार नहीं किया कि गद्दाफी पर दबाव बढ़ाने के लिए ब्रिटिश सेना लीबियाई लक्ष्यों पर अपने हेलिकॉप्टरों से हमला करने के बारे में विचार कर रही है. इस सिलसिले में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि दबाव बढ़ाने के लिए हर विकल्प पर विचार किया जाएगा.
लीबिया में अवरोध
दोनों नेताओं की मुलाकात ऐसे समय में हो रही है, जबकि तीन महीनों से लीबिया में जारी संघर्ष में अवरोध की स्थिति उत्पन्न हो गई है. नाटो के हवाई हमलों के बावजूद गद्दाफी सत्ता से चिपके हुए हैं. इस संदर्भ में राष्ट्रपति ओबामा ने कहा कि उनकी राय में हमले में काफी गति बनी हुई है और अगर इसे जारी रखा जाता है तो अंततः गद्दाफी को सत्ता छोडनी पड़ेगी.
अमेरिका लीबिया में हवाई हमलों में शामिल नहीं है और नाटो के कुछ हलकों में इसकी दबी आवाज में शिकायत की जा रही है. ओबामा ने कहा कि अमेरिका के पास इस्तेमाल किए जाने लायक इतनी अधिक नई सैन्य संभावना नहीं है और वह थलसेना का इस्तेमाल न करने के अपने वादे पर अड़ा हुआ है.
क्या बोलेंगे ओबामा
बुधवार को राष्ट्रपति ओबामा वेस्टमिंस्टर हॉल में अपनी यात्रा के मुख्य विषय पर भाषण देने वाले हैं. वह इस पर जोर दे रहे हैं कि सारे विश्व में सुरक्षा के लिए अमेरिका और यूरोप को संयुक्त रूप से जिम्मेदारी लेनी पड़ेगी.
प्रधानमंत्री कैमरन के आवास 10 डाउनिंग स्ट्रीट में अमेरिकी और ब्रिटिश सैनिकों के बीच बर्गर और सॉसेज बांटते हुए दोनों नेताओं ने अमेरिका और ब्रिटेन के बीच मतभेदों को कम करके प्रस्तुत करने की कोशिश की. प्रधानमंत्री कैमरन ने कहा, "मैं बराक के साथ इस बात पर सहमत हूं कि हर देश को अपनी समस्याओं से निपटने के लिए अपना रास्ता तय करना पड़ेगा."
रिपोर्ट: एजेंसियां/उभ
संपादन: वी कुमार