गिलगित में चीनी मौजूदगी पर भारत चिंतित
३ सितम्बर २०१०चीन में भारतीय राजदूत एस जयशंकर ने उप विदेश मंत्री छांग छिचियन से बातचीत के दौरान भारत की चिंता प्रकट की. जयशंकर ने नई दिल्ली में सुरक्षा मामलों की केबिनेट कमेटी को इस पूरे मुद्दे की जानकारी दी. प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की अध्यक्षता वाली इस कमेटी ने गुरुवार को गिलगित और बाल्टिस्तान में चीन की उपस्थिति पर चर्चा की.
पिछले दिनों अमेरिकी अखबार न्यू यॉर्क टाइम्स ने लिखा कि पाकिस्तान के हिस्से वाले कश्मीर के गिलगित इलाके में चीन के सात से ग्यारह हजार सैनिक मौजूद हैं. भारत ने कहा है कि वह इस रिपोर्ट की स्वतंत्र जांच करेगा लेकिन अगर यह सही खबर है तो चिंता की बात है. भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विष्णु प्रकाश ने कहा, "अगर सही हैं तो ये मुद्दा गंभीर है. हम भारत की सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए सभी जरूरी कदम उठाएंगे."
चीन पहले ही इस रिपोर्ट को गलत बता चुका है. उसके मुताबिक ऐसी बेबुनियादी रिपोर्टों का मकसद भारत और पाकिस्तान के साथ चीन के रिश्तों को खराब करना है. चीन की सरकारी समाचार एजेंसी शिन्हुआ ने विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता चियांग यू के हवाले से लिखा है, "हम समझते हैं कि कुछ लोग चीन-पाकिस्तान और चीन-भारत संबंधों को भड़काने के लिए इस तरह मनगढंत रिपोर्ट तैयार कर रहे हैं."
बुधवार को चीन में पाकिस्तान के राजदूत मसूद खान ने भी चीनी सैनिकों की मौजूदगी से इनकार किया. उन्होंने कहा कि चीन की एक मानवीय राहत टीम बाढ़ पीड़ितों की मदद करने के लिए गिलगित में जरूर मौजूद है. चीन के सरकारी अख़बार ग्लोबल टाइम्स डेली के साथ बातचीत में उन्होंने कहा, "यह रिपोर्ट सच नहीं है. पूरी तरह मनगढंत है."
रिपोर्टः पीटीआई/आभा एम
संपादनः ए कुमार