गुरु का ज्ञान 'खेलते रहो' सचिन
२४ अप्रैल २०१२बल्ले के जादूगर को बचपन में क्रिकेट के गुर सिखाने वाले 80 वर्षीय रमाकांत अचरेकर ने कहा, "उनके रिटायरमेंट के बारे में होने वाली सारी खुसुर पुसुर बंद होनी चाहिए. अभी जाने का समय नहीं आया है." टेस्ट इतिहास में सबसे ज्यादा रन बनाने वाले सचिन को आरंभिक ट्रेनिंग देने वाले गुरु ने हिंदुस्तान टाइम्स अखबार से कहा, "उसे अभी रिटायर नहीं करना चाहिए. उसे देश के लिए खेलते और रन बनाते रहना चाहिए."
सबसे ज्यादा रन
भारत में क्रिकेट का भगवान माने जाने वाले सचिन तेंडुलकर ने 1989 में टेस्ट क्रिकेट में पांव रखा. तब से वे 188 टेस्ट और 463 वन डे इंटरनेशनल खेल चुके हैं, जो किसी भी दूसरे खिलाड़ी से ज्यादा है. उन्होंने क्रिकेट की दोनों विधाओं में सर्वाधिक रन बनाए हैं और पिछले महीने शतकों का शतक लगाने वाले पहले क्रिकेटर बन गए. उन्होंने टेस्ट मैचों में 51 और वन डे मैचों में 49 शतक बनाए हैं.
हालांकि सचिन तेंदुलकर को सारे प्रशंसकों की उम्मीदों और इंतजार के बीच सौवां शतक बनाने में एक साल से ज्यादा समय लगा गया. हर मैच में उनके शतक का इंतजार किया जाता और हर बार निराशा हाथ आती. पिछले महीने ढाका में एशिया कप के दौरान बांग्लादेश के खिलाफ खेले गए मैच में आखिरकार उन्होंने अपना सौवां शतक बनाया. उसके बाद बहुत से प्रशंसकों ने कहना शुरू कर दिया कि उन्हें अपने करियर के बारे में सोचना चाहिए, खासकर वन डे मैचों में खेलने के बारे में.
मुंबई के स्टार बैट्समैन अब तक अपनी रिटायरमेंट की बहस को दरकिनार करते आए हैं. उनका कहना है कि क्रिकेट से इस समय संन्यास लेना बहुत खुदगर्जी होगी. उन्होंने पिछले दिनों कहा था कि उन्हें देश के लिए खेलना अभी भी उत्साहित करता है.
फिर अच्छा प्रदर्शन
गुरु अचरेकर का कहना है कि सौ शतक बनाने की बाधा पूरी कर लेने के बाद अब सचिन फिर से अपना सर्वोत्तम प्रदर्शन करने लगेंगे. इस समय प्रीमियर लीग खेल रहे सचिन के बारे में अचरेकर कहते हैं, "मैं देख रहा हूं कि उसका फॉर्म फिर से चढ़ रहा है और कुछ ही समय में हम उसे फिर से बड़ी संख्या में रन बनाते देख सकेंगे. "
सचिन तेंदुलकर के अलावा विनोद कांबली, प्रवीण आम्रे और अजीत अगरकर को क्रिकेट सिखाने वाले अचरेकर का कहना है कि सचिन जैसा दूसरा क्रिकेटर पाना मुश्किल है. "सचिन दुनिया के सबसे बेहतरीन बल्लेबाज है. हमें दूसरा महान क्रिकेटर भी मिल सकता है, लेकिन मैं नहीं समझता कि हमें कभी उसकी योग्यता वाला दूसरा खिलाड़ी मिलेगा." अचरेकर को पूरा विश्वास है कि सचिन के रिटायर करने के बाद उनकी कमी पूरी दुनिया को खलेगी. "जिस दिन वह रिटायर करेगा, यह क्षति अपूर्णीय होगी."
एमजे/एनआर (एएफपी)