घर के भीतर डायनासोर
१० अप्रैल २०१८प्रदर्शनी लगाने वाले लाकोपो ब्रीआनो का कहना है कि जीवाश्म बाजार अब बस वैज्ञानिकों के लिए नहीं है. उन्होंने कहा, "डायनासोर के ये ढांचे काफी कूल और ट्रेंडी माने जा रहे हैं. ये सजाने में काम आने वाली अन्य वस्तुओं मसलन पेंटिंग की तरह ही है." ब्रीआनो अपनी बात को साबित करने के लिए हॉलीवुड अभिनेता लियोनार्डो डीकैप्रियो और निकोलस कैज का उदाहरण देते हैं जो इस तरह की साज-सज्जा को पसंद करते हैं.
दरअसल डायनासोर की हड्डियां वाला कंकाल घरों में अलमारी में तेजी से जगह बना रहा है, जिसके चलते इनकी मांग बढ़ रही है. थियरोपोड (डायनासोर परिवार की एक जीव) के एक कंकाल की इस साल जून में नीलामी होनी है. कयास लगाए जा रहे हैं कि यह बोली 15 लाख यूरो तक जाएगी.
कौन है खरीदार
ब्रीआनो बताते हैं कि पिछले दो-तीन साल से चीन के खरीदारों की इस सामाग्री में रुचि बढ़ी है. वे डायनासोर की ऐसी बड़ी प्रजातियों को लेकर उत्सुक रहते हैं जो उनकी जमीं पर मिले हो. उन्होंने कहा, "ये खरीदारी या तो म्यूजियम के लिए की जाती है या कई मौकों लोग अपने घरों के लिए भी कर लेते हैं."
ब्रीआनो ने बताया कि नए खरीदार बड़ी-बड़ी बहुराष्ट्रीय कंपनियों, यूरोपीय और अमेरिकी रईसों के खिलाफ बोली लगाते नजर आते हैं. यूरोप और अमेरिका के कई रईस इन ढांचों के पारंपरिक खरीदार माने जाते हैं.
नेचुरल हिस्ट्री के एक्सपर्ट एरिक माइकेलर कहते हैं, "कई बार कंपनियां सिर्फ पब्लिसिटी के लिए इन कंकालों को खरीदते हैं क्योंकि लाखों लोग इन्हें देखने के लिए उनके पास चले जाते हैं." हालांकि माइकेलर ये साफ कहने से भी नहीं हिचकते कि ये बाजार छोटा है और फिलहाल ये सभी के लिए नहीं है.
क्या आता है पसंद
इस प्रदर्शनी में एलोसॉरस एक बड़ा आकर्षण है. हालांकि 3.8 मीटर लंबे एलोसॉरस को छोटा माना जा रहा है. कयास लगाए जा रहे हैं कि इसकी बोली तकरीबन 6.50 लाख यूरो तक जाएगी. वहीं डिप्लोडोक्स, जिसकी जो नाक से लेकर पूंछ तक 12 मीटर लंबा है उसकी कीमत 4.50 से 5 लाख यूरो तक जा सकती है. विशेषज्ञों के मुताबिक लोगों को खासी दिलचस्पी इनके दांतों में होती है. हालांकि ऐसे कंकालों की भी मांग रहती है जिनके लड़ाई या बीमारी से मरने के संकेत होते हैं. ऐसे कंकालों को दुर्लभ माना जाता है इसलिए इनकी मांग बढ़ जाती है. हालांकि कुछ जीवाश्म विज्ञानी इस पूरे बाजार और लेन-देन को बकवास कहते हैं. साथ ही मानते हैं कि ये लक्जरी दुनिया है और इसमें आम लोग फिट नहीं होते.
एए/ओएसजे (एएफपी)