चांसलर मैर्केल ने 2020 को बताया सबसे मुश्किल साल
३१ दिसम्बर २०२०नए साल के मौके पर दिए जाने वाले राष्ट्र के नाम अपने पारंपरिक संबोधन में चांसलर मैर्केल ने अपने कार्यकाल के अंतिम साल की चुनौतियों का जिक्र किया. उन्होंने कहा, "मुझे लगता है कि जब मैं यह कहती हूं तो कोई अतिश्योक्ति नहीं है कि बीते 15 साल में कोई साल इतना मुश्किल नहीं रहा जितना यह साल है जो खत्म हो रहा है."
पूरी दुनिया को लील रही कोरोना महामारी ने अब तक जर्मनी में 17 लाख लोगों को संक्रमित किया है जबकि 32 हजार से ज्यादा लोगों की जान ली है. ये आंकड़े लगातार बढ़ रहे हैं. बुधवार को जर्मनी में पहली बार एक दिन में कोरोना से होने वाली मौतों का आंकड़ा 1000 के पार जा पहुंचा.
चांसलर मैर्केल ने माना, "कोरोना वायरस महामारी इस सदी की राजनीतिक, सामाजिक और आर्थिक चुनौती थी और है... यह एक ऐतिहासिक संकट है जिसने हम में से बहुत सारे लोगों को मुश्किल में डाला है. मैं जानती हूं कि इससे निपटने के लिए आपके बहुत सारे भरोसे और धैर्य की जरूरत है और आप भी चाहेंगे कि ऐतिहासिक मजबूती दिखाई जाए. इसके लिए मैं आपको दिल की गहराइयों से धन्यवाद देती हूं."
झूठ से बचिए
मैर्केल ने अपने संबोधन में कोरोना महामारी से निपट रहे स्वास्थ्य कर्मियों की सराहना की, साथ ही उन्होंने अन्य क्षेत्रों के दूसरे कर्मचारियों के योगदान को भी याद रखा. उन्होंने कहा, "महामारी के दौरान हमारी जिंदगी चलती रहे, इसमें बेशुमार लोगों ने हमारी मदद की... सुपरमार्केटों में, माल परिवहन में, पोस्ट ऑफिस में, बसों और ट्रेनों में, पुलिस स्टेशनों में, स्कूलों और किंडरगार्टनों में, चर्चों में और मीडिया संस्थानों में काम कर रहे लोगों ने."
अपने संबोधन में चांसलर मैर्केल ने महामारी को लेकर चलने वाली कॉन्सपिरेसी थ्योरीज पर लोगों से विश्वास ना करने को कहा. जैसे कि कुछ लोग मानते हैं कि कोरोना जैसा कोई वायरस ही नहीं तो कुछ कहते हैं कि इसके लिए बनाई जा रही वैक्सीन से लोगों को नियंत्रित किया जाएगा. जर्मनी में कुछ लोगों ने मास्क पहनने और दूसरी सामाजिक पाबंदियों के खिलाफ प्रदर्शन भी किए. मैर्केल ने कहा, "कॉन्सपिरेसी थ्योरीज ना सिर्फ झूठ और खतरनाक हैं, बल्कि उन लोगों के प्रति क्रूरता भी हैं जिन्होंने अपनों को खोया है."
बतौर चांसलर आखिरी संबोधन
जर्मनी ने यूरोपीय संघ के बाकी देशों की तरह 27 दिसंबर से कोराना टीकाकरण अभियान की शुरुआत की और जनवरी में टीका लगाने का काम जारी रहेगा. मैर्केल ने टीके को लेकर उम्मीद जताई. उन्होंने कहा कि "जब उनकी बारी आएगी", वह भी टीका लगवाएंगी. उन्होंने वादा किया कि अमेरिका की तरह जर्मनी में बड़े राजनेताओं को उन लोगों की सूची में नहीं रखा जाए जिन्हें सबसे पहले टीका दिया जाएगा.
मैर्केल ने 2020 में मिली पीड़ा और कष्ट के बावजूद आशा जताई कि 2021 नई उम्मीदें लेकर आएगा. यह आखिरी मौका है जब बतौर जर्मन चांसलर मैर्केल ने नववर्ष का संबोधन दिया. 2021 में वह अपना पद छोड़ रही हैं. उन्होंने कहा, "आखिर में आपसे कुछ निजी बात कहूंगी: नौ महीने के भीतर देश में संसदीय चुनाव होंगे और मैं फिर से चुनाव नहीं लड़ूंगी.. इसीलिए यह बतौर चांसलर आपके लिए मेरा आखिरी नववर्ष संबोधन है." मैर्केल 2005 से जर्मनी की चांसलर हैं. अगले नौ महीनों में उन्हें कई चुनौतियों का सामना करना होगा. लेकिन वह 2021 को लेकर आशावान हैं.
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