चीन ने दौड़ाई 500 की रफ्तार से ट्रेन
२६ दिसम्बर २०११"सस्ती तकनीक, कम उम्र और भरोसे की कमी" के साथ ही अलग से नुकसान भारत में चीन से आए सामानों की सामान्य रूप से यही पहचान रहती है पर इन सबके बावजूद भारत के बाजार चीनी माल से भरे पड़े हैं. इनमें अगर यह ट्रेन भी शामिल हो जाए तो लोगों का काफी वक्त बच जाएगा.
यह नई ट्रेन चीन में ट्रेन बनाने वाली सबसे बड़ी कंपनी सीएसआर कॉर्प लिमिटेड की महत्वाकांक्षी परियोजना है. ट्रेन सीएसआर की एक सहयोगी कंपनी ने बनाई है. इसकी आकृति एक पुराने चीनी तलवार जैसी है. चीन की सरकारी समाचार एजेंसी शिन्हुआ ने यह जानकारी दी. ट्रेन के जानकार शेन जियुन ने इसके बारे में कहा है, "यह ट्रेन हाई स्पीड रेल नेटवर्क को नई और उपयोगी दृष्टि देगी."
हालांकि इस ट्रेन के परीक्षण का यह मतलब बिल्कुल नहीं है कि अब भविष्य में चीन की ट्रेनें इतनी तेज गति से चलेंगी. सीएसआर के चेयरमैन जाओ जियाओगांग ने बीजिंग मॉर्निंग न्यूज से कहा, "हम ट्रेन यातायात में पहले सुरक्षा को सुनिश्चित करना चाहते हैं." ट्रेन का परीक्षण ऐसे समय में किया गया है जब देश के हाईस्पीड नेटवर्क पर सवाल उठ रहे हैं. कई हादसे हुए हैं और उनकी जांच अभी चल ही रही है.
चीन के रेल उद्योग के लिए यह साल काफी मुश्किल रहा है. जुलाई में हाईस्पीड ट्रेनों की टक्कर में 40 लोगों की जान गई और देश के साथ ही अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी इस हादसे ने आलोचना बटोरी. इस हादसे के बाद से हाईस्पीड नेटवर्क को बनाने का काम लगभग रुका पड़ा है.
चीन के रेल उद्योग में हुए विस्तार के पीछे रेल मंत्री लिऊ झिजुन की बड़ी भूमिका रही है. लिऊ झिजुन को इसी साल फरवरी में भ्रष्टाचार के आरोप लगने के बाद बर्खास्त कर दिया गया हालांकि उन पर अब तक कोर्ट में कोई मुकदमा नहीं चलाया गया है.
चीन में औसतन 200 किलोमीटर प्रति घंटे या उससे ज्यादा की रफ्तार से चलने वाली ट्रेनों को हाईस्पीड नेटवर्क के दायरे में रखा गया है. चीन के पास दुनिया का सबसे लंबा हाईस्पीड रेल नेटवर्क है जिसकी लंबाई करीब 9,767 किलोमीटर है. जून 2011 तक इसमें 3,515 किलोमीटर का नेटवर्क ऐसा था जिसमें ट्रेनों की रफ्तार 300 किलोमीटर प्रति घंटे से ज्यादा रहती है.
रिपोर्टः रॉयटर्स/एन रंजन
संपादनः ए जमाल