चीन ने रोका रिश्तों का समारोह
२३ सितम्बर २०१२सरकारी समाचार एजेंसी शिन्हुआ के अनुसार विदेशों के साथ चीनी जन मैत्री संगठन और चीन जापान मैत्री संघ के अधिकारियों ने कहा है कि अब रिसेप्शन उचित समय पर होगा. सितंबर 1972 में चीन और जापान ने संयुक्त बयान पर दस्तखत किए थे. इस महीने के अंत में उस दिन को याद करने के लिए एक समारोह होने वाला था, लेकिन अब वह द्वीप पर चल रहे विवादों की बलि चढ़ गया है.
चीनी विदेश मंत्रालय ने रविवार को जापान से "चीन की क्षेत्रीय अखंडता को नुकसान पहुंचाने वाली सारी गतिविधियों को तुरंत रोकने" की मांग की. विदेश मंत्रालय की यह प्रतिक्रिया पूर्व चीनी सागर में स्थित द्वीपों पर जापानी कार्यकर्ताओं के उतरने के बाद आई थी. शिन्हुआ के अनुसार चीन ने इसके बारे में जापान को जानकारी दे दी है. चीनी विदेश मंत्रालय ने इस रिपोर्ट की पुष्टि नहीं की है, लेकिन शुक्रवार को एक प्रवक्ता ने कहा था कि बहुत से तय कार्यक्रमों को विवाद की वजह से नुकसान पहुंचा है.
चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता होंग लाई ने कहा, "ताइवानी कार्यकर्ताओं को द्वीप पर उतरने से रोकने" के नाम पर कई जापानी शुक्रवार को दियाओयू द्वीप पर उतरे हैं. होंग ने इसे चीन की क्षेत्रीय अखंडता का गंभीर उल्लंघन बताया और कहा कि चीन सरकार ने जापान से कड़ा विरोध दर्ज कराया है. होंग ने इस बात को दुहराया कि चीन अपनी क्षेत्रीय अक्षुण्णता की सुरक्षा जारी रखेगा.
चीन में दियाओयू और जापान में सेनकाकू कहे जाने वाले द्वीपों पर विवाद तब से और गहरा गया है जब से जापान ने कहा है कि उसने तीन द्वीप खरीद लिए हैं. इस फैसले के खिलाफ चीन में कई दिनों तक हिंसक प्रदर्शन हुए. यह द्वीप समूह ताइवान के उत्तरपूर्व में है और इन पर कोई नहीं रहता. जापान द्वारा नियंत्रित यह इलाका सामरिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण है. इसके अलावा यहां जमीन के नीचे तेल और गैस के बड़े भंडार होने की संभावना है.
चीन के भावी नेता उपराष्ट्रपति शी जिनपिंग के हवाले से सरकारी मीडिया ने कहा था कि उन्होंने अमेरिकी रक्षा मंत्री लियोन पैनेटा के साथ बातचीत में जापान को उसके बर्ताव के लिए चैतावनी दी. जापान द्वारा तीन द्वीपों को खरीदे जाने को बकवास बताते हुए उन्होंने कहा कि जापान को अपना बर्ताव बदलना चाहिए और चीन की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता को नुकसान पहुंचाने वाली बात न तो बोलनी चाहिए और न ही करनी चाहिए.
चीन में हुए प्रदर्शनों के बाद पहली बार जापान और ताइवान में भी द्वीप पर प्रदर्शन हुए हैं. शनिवार को जापान में करीब 800 लोगों ने चीनी दूतावास के निकट प्रदर्शन किया. ताइवान में रविवार को जापान विरोधी प्रदर्शन हुआ. दक्षिणपंथी पार्टियों की रैली में प्रदर्शनकारी जापानी मालों का बहिष्कार करने के नारे लगा रहे थे. वे द्वीप विवाद को सुलझाने के लिए चीन के साथ सहयोग की भी मांग कर रहे थे. ताइवान की राष्ट्रपति मा यिंग जेयू ने अपने साथी देश जापान के खिलाफ चीन के साथ सहयोग करने से मना कर दिया है.
एमजे/एनआर(डीपीए,एएफपी)