चीन में देह व्यापार में फंसती पाकिस्तानी दुल्हन
१२ दिसम्बर २०१९पाकिस्तान की सामिया डेविड की जान घर लौटने पर भी नहीं बच सकी. सामिया जब चीन से वापस शादी के बाद आईं तो उनके परिवार का कोई भी सदस्य उनको पहचान नहीं पाया. सेहतमंद सामिया अब चलने फिरने में भी असमर्थ हो गई थीं. कुपोषण ने उन्हें अंदर तक कमजोर कर दिया था. पाकिस्तान में अपने घर आने के कुछ हफ्ते बाद उनकी मौत हो गई.
चीन में हुए अनुभव ने सामिया को भीतर तक डरा दिया, सामिया के चचरे भाई परवेज मसीह बताते हैं कि जब वह वापस घर आईं तो उन्होंने अपने परिवार से कह दिया "मुझसे मत पुछना कि मेरे साथ क्या हुआ." सामिया की मौत सबूत है कि पाकिस्तान में शादी के नाम पर चीन बेची जा रही ईसाई लड़कियों के साथ वहां में क्या सलूक किया जाता है.
समाचार एजेंसी एपी के पत्रकारों को खोजबीन के दौरान पता चला कि पिछले 2 साल में मानव तस्कर पाकिस्तान के गरीब ईसाईयों को ज्यादा निशाना बना रहे हैं. ये तस्कर इन गरीब लोगों को पैसे का लालच देकर, इनकी बेटियों या बहनों की चीन के लड़कों से शादी करा रहे हैं. जिनमें नाबालिग लड़कियां भी शामिल हैं. जब ये लड़कियां चीन पहुंचती हैं यहां इन्हें प्रताड़ित किया जाता है. इन्हें कई कई दिन भूखा रखा जाता है और देह व्यापार के अंधेरे में धकेल दिया जाता है.
मीडिया और सामाजिक कार्यकर्ताओं को इन पीड़ित लड़कियों ने बताया कि कई बार एसे मौके भी आते हैं जब इनके पति खाना भी नहीं देते हैं. ये लड़कियां अपने परिवार के लोगों से वापस बुलाने की बार बार अपील भी करती हैं.
समाचार एजेंसी एपी को मिली लिस्ट के मुताबिक पाकिस्तान में 2018 तक 629 मासूम लड़कियों को चीन बेचा जा चुका है. लिस्ट बनाने वाले पाकिस्तान के जांच अधिकारियों और पीड़ित लड़कियों को बचाने वाले समाजसेवियों की माने तो उनके कामों को सरकार दबा रही है. सरकारी सूत्रों के मुताबिक सरकार को डर है कि इस जांच से चीन के साथ उनके रिश्तों में "दरार" पड़ सकती है.
सामिया डेविड के भाई परवेज ने कहा "गरीब लोग पैसों के लिए अपनी बेटियां दे देते हैं. चीन में उनके साथ वो लोग जो चाहे कर रहे हैं. उनके हालात को देखने वाला कोई नहीं है. यह क्रूरता की हद है."
सामिया की जिस वक्त मौत हुई वह 37 साल की थी. उसके साथ जो हुआ वो चीन में पाकिस्तान की लड़कियों को दी जा रही यातनाओं को बयां करता है. एपी ने इससे पहले सात लड़कियों से बात की है जिन्हें जबरदस्ती देह व्यापार में भेजा गया. इनके साथ कई बार बलात्कार हुआ. चीन की इन पाकिस्तानी दुल्हनों को मानसिक और शारीरिक यातना दी जाती है.
शादी से पहले और अपनी मौत से पहले के आखिरी दिनों में सामिया पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के गुजरांवाला के फ्रांसीसाबाद कॉलोनी के 2 कमरों के घर में रहती थी. उनके परिवार में उनकी विधवा मां और भाई है. ईसाई धर्म के लोग पाकिस्तान के सबसे गरीब तबके में आते हैं.
सामिया के चचेरे भाई के मुताबिक स्थानिय पादरी कहने पर, उसके भाई ने दलाल से पैसे लेकर अपनी बहन का रिश्ता चीन के आदमी से तय कर दिया. शादी के कुछ महिनों के बाद सामिया अपने पति के साथ चीन चली गई. परवेज ने बताया,"जब वह चीन गई थी तब वो अच्छे हालात में थी. वह अच्छी और मजबूत थी."
इस घटना के बाद पादरी को पुलिस ने मानव तस्करों के साथ मिले होने के शक में गिरफ्तार कर लिया. चीन जाने के महज दो महीने बाद सामिया के भाई को पाकिस्तान के लाहौर एयरपोर्ट पर उसकी बहन को लेने की कॉल आई. जब सामिया के भाई ने उन्हें देखा तो वह व्हीलचेयर पर थीं. सामिया इतनी कमजोर हो चुकी थीं कि चल भी नहीं पा रही थीं.
चीन से लौटने के बाद और सामिया की मौत से पहले अप्रैल 2018 में एपी के संवाददाता ने उनसे मुलाकात की थी. भविष्य के सपनों को संजोए सामिया अपनी शादी की फोटो में काले बालों और सफेद गाउन पहने खुश और मजबूत लग रही थीं, लेकिन धंसे गालों, कमजोर शरीर से ये कहना मुश्किल था कि दोनों लड़कियां एक ही हैं. सामिया के भाई ने कहा "उसे नजर लग गई है."
उनसे जब चीन में बिताए समय के बारे में सामिया से पूछा गया तो उन्होंने ध्यान भटकाने की कोशिश की. वो अचानक से चाय बनाने के बहाने से उठ खड़ी हुईं और जब उनसे पूछा गया कि क्यों वो अपनी शादी की फोटो से अलग दिख रही हैं, तो उनका जवाब था "मुझ में कोई खराबी नहीं है. मै ठीक हूं."सामिया की 1 मई 2019 को मौत हो गई.
डॉक्टर मीत खान ने सामिया के चीन से वापस आने के बाद इलाज किया. वे बताते हैं कि वह बेहद कमजोर और कुपोषित थी. डॉक्टर ने सामिया की हालात को देखते हुए उसके भाई को सामिया को अस्पताल में भर्ती कराने की सलाह भी दी थी. हैरानी की बात ये है कि पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में मौत की वजह प्राकृतिक यानि नेचुरल बताई गई हैं. यही नहीं पुलिस के सामिया के दस्तावेज मांगने पर उसके भाई ने कुछ भी सबूत होने से साफ इंकार कर दिया.
सामिया का पति चीन के शैनडोंग प्रांत से है, ये प्रांत लंबे समय से अराजकता से जूझ रहा है. चीन की सख्त जनसंख्या नीतियों की वजह से वहां लड़कों की प्रमुखता ज्यादा है और लड़कियों की भारी कमी है. यही वजह है कि यहां लड़कों के लिए दुल्हनें बाहर से लाई जा रही हैं. चीन में लड़के लड़की की आबादी का अंतर 3.4 करोड़ से ज्यादा है.
अपनी पहचान जाहिर नहीं करने की शर्त पर बड़े सरकारी अधिकारी बताते हैं,"गरीब लोग पैसों के लालच में अपनी बेटियों को बेच देते हैं, फिर परिवार के सामने इज्जत छुपाने के लिए उस पर हो रहे अत्याचार पर भी पर्दा डाल देते हैं. मानव तस्कर पादरियों को भी लोगों को फंसाने के लिए पैसा दे रहे हैं."
समाजसेवी सलीम इकबाल प्रमुखता से यह मुद्दा उठाते रहे हैं वो बताते हैं, "कई पाकिस्तानी दुल्हनों से मेरी चीन में बात होती है वे बताती हैं कि उन्हें ना खाना दिया जाता है ना ही दवाइयां."
24 साल की सामिया युसुफ भी अपने पति के साथ सुनहरे सपने और अपने गर्भ में पल रहे बच्चे के साथ गईं. जब वो वापस पाकिस्तान लौंटी तो बस बच्चे की यादें और चीन में बिताए खौफनाक पल ही उनके साथ थे. वो कहती हैं "मै सोचती रहती हूं कि मेरा बच्चा कैसे दिखता होगा. अब मै हमेशा दुख में हूं."
एसबी/एनआर(एपी)
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