चैंपियंस लीग का असल विजेता
२४ जुलाई २०१३यूएफा ने पुरस्कार राशि की जो सूची जारी की है उसके अनुसार बायर्न म्यूनिख को भुगतान और बोनस के रूप में 5.5 करोड़ यूरो मिले जबकि फाइनल में उससे हारने वाली जर्मन टीम बोरुसिया डॉर्टमुंड को 5.41 करोड़ यूरो मिले. यूएफा ने 2012-13 में ग्रुप के स्तर पर खेलने वाली 32 टीमों के बीच 90.46 करोड़ यूरो बांटे. यह तीन साल के बिजनेस कॉन्ट्रैक्ट का पहला बंटवारा था.
इस सूची में यूवेंटुस के पहले स्थान पर आने में मदद की 4.5 करोड़ यूरो के इतालवी ब्रॉडकास्ट अधिकार ने. क्वार्टर फाइनल से पहले ही बार्सिलोना से हार जाने वाली टीम एसी मिलान की आमदनी 5.14 करोड़ यूरो हुई. दोनों इतालवी टीमों को चैंपियंस लीग के ग्रुप स्तर पर पहुंचने का लाभ मिला.
और इसकी वजह से यूएफा के वित्तीय फेयर प्ले लिस्ट में उनकी आय बढ़ गई. इस सूची में शामिल होने के लिए क्लबों को संतुलित बजट की कोशिश करनी पड़ती है. हाल के सालों में इटली के क्लबों को इंग्लैंड, जर्मनी और स्पेन के बड़े क्लबों की तरह कमाई में मुश्किल हो रही है.
रियाल मैड्रिड को यूएफा से 4.84 करोड़ यूरो मिले तो सेमीफाइनल में पहुंचने वाली टीम बार्सिलोना को 4.55 करोड़ यूरो. पेरिस का सां जैर्मां छठे स्थान पर रहा. उसे 4.47 करोड़ यूरो मिले. प्री क्वार्टर फाइनल में हारने वाली एक और टीम मैनचेस्टर यूनाइटेड 3.55 करोड़ यूरो के साथ चैंपियंस लीग में इंग्लिश क्लबों में अव्वल रही. लेकिन यदि यूरोपा लीग के लिए मिली राशि को जोड़ा जाए तो चेल्सी उससे आगे रहा. उसे चैंपियंस लीग से 3.08 करोड़ और यूरोपा लीग से 1.07 करोड़ यूरो मिले. पिछले सीजन में उसने चैंपियंस लीग में जीत कर सबसे ज्यादा 5.99 करोड़ यूरो कमाए थे.
इंग्लैंड के क्लब आर्सेनल ने चैंपियंस लीग के अंतिम 16 तक पहुंचने के लिए 3.35 करोड़ यूरो पाए तो अपने ग्रुप में अंतिम रहने वाले मैनचेस्टर सिटी को यूएफा से 2.87 करोड़ यूरो मिले.
चैंपियंस लीग खेलने वाली टीमों में सबसे कम आमदनी डीनामो जागरेब की हुई. वह एक भी मैच जीत नहीं पाया लेकिन उसे 1.05 करोड़ यूरो मिले. बाटे बोरीसोव को 1.08 करोड़ मिले जिसमें बेलारूस टीवी अधिकार के लिए हुए सौदे से 290,000 यूरो भी शामिल रहा.
यूरोप की सबसे महत्वपूर्ण फुटबॉल लीग में 32 टीमें हिस्सा लेती हैं. इस सभी टीमों को लीग में शामिल होने के लिए 86 लाख यूरो की बेसिक फीस मिली. ग्रुप के स्तर पर हर जीत के लिए टीमों को 10 लाख और ड्रॉ के लिए 5 लाख यूरो दिए गए. नॉक आउट जौर में फीस की राशि हर स्तर पर बढ़ा दी गई.
चैंपियंस लीग ने पहली बार यूरोपा लीग को सब्सिडी दी. उसने यूएफा को यूरोप के इस दूसरे स्तर के टूर्नामेंट को 20.9 करोड़ यूरो बांटने की इजाजत दी. सेमीफाइनल में पहुंचने वाली टीम फेनरबाचे को सबसे ज्यादा 1.12 करोड़ यूरो मिले, जबकि 5 बार यूरोप चैंपियन रहने वाले लिवरपुल को 50 लाख यूरो मिले. लिवरपुल इस साल यूएफा चैंपियनशिप में शामिल नहीं है.
एमजे/एजेए (एपी, एएफपी)