जब पांव दे जाए धोखा
11 मीटर की दूरी से बिना किसी बाधा के गोल करना मुश्किल नहीं दिखता, लेकिन जब ऐसा होता है तो खिलाड़ियों के पसीने छूटते दिखते हैं. यूरो 2016 में पेनल्टी ने जर्मनी और इटली के मैच को रोमांचक बनाया.
थॉमस मुलर, जर्मनी
क्वॉर्टर फाइनल में पेनल्टी शूट में विफल रहने वाले जर्मनी के स्टार स्ट्राइकर थॉमस मुलर अपनी नाकामी से इतने दुःखी हैं कि उन्होंने यूरो 2016 के दौरान पेनल्टी किक ना करने का फैसला किया है. लेकिन अगर टीम को उनकी जरूरत हुई तो वे पीछे नहीं रहेंगे.
मानुएल नॉयर
पेनल्टी किक के सिक्के के दो पहलुओं में एक गोलकीपर भी होता है. विश्व के सर्वश्रेष्ठ गोलकी कहे जाने वाले जर्मनी के मानुएन नॉयर भी 9 किक में सिर्फ दो रोक पाए. पांच गोल हो ही गए. कहते हैं कि ऐसा पेनल्टी किक पहले नहीं देखा.
बास्टियान श्वाइनश्टाइगर
जर्मन कप्तान श्वाइनश्टागर ने हेडर से एक गोल किया था जिसे रेफरी ने उनके फाउल के कारण नहीं माना. पेनल्टी किक में नाकाम रहकर कप्तान ने मैच जीतने का महत्वपूर्ण मौका गंवा दिया. निराशा उनके चेहरे से झलक रही थी.
मेसुत ओएजिल
जो खिलाड़ी पेनल्टी किक से गोल नहीं कर पाए उनमें जर्मनी को इटली के खिलाफ बढ़त दिलवाने वाले मेसुत ओएजिल भी थे. बाद में इस बात पर हंगामा रहा है कि बवेरिया के वित्त मंत्री मार्कुस जोएडर ने लिखा कि ओएजिल को फिर कभी पेनल्टी किक का मौका नहीं.
ग्रासियानो पेले
ऐसा नहीं कि पेनल्टी किक का मौका गंवाने वाले सिर्फ जर्मन खिलाड़ी ही थे. इटली के स्टार खिलाड़ी पेले का किक भी गोल पोस्ट में घुसने के बदले उसके बगल से गुजर गया. बाद में पेले ने अपनी नाकामी के लिए इटलीवासियों से माफी मांगी.
लियोनार्दो बोनुच्ची
बोनुच्ची ने खेल के दौरान मिले पेनल्टी को सीधे गोल में दागकर इटली को जर्मनी के बराबर कर दिया था. लेकिन जब 120 मिनट के खेल के बाद फैसले की बारी आई तो मानुएल नॉयर ने उनके किक को रोक दिया और गोल नहीं होने दिया.
क्रिस्टियानो रोनाल्डो
इसके पहले शुरुआती राउंड में पुर्तगाल के स्टार खिलाड़ी और विश्व के चोटी के खिलाड़ियों में शुमार होने वाले क्रिस्टियानो रोनाल्डो भी पेनाल्टी किक को गोल में नहीं बदल पाए थे. इसकी वजह से पुर्तगाल की टीम का अगले राउंड में आना संदेहास्पद हो गया था.