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जम्मू कश्मीर में चलते फिरते स्कूल

११ मई २०११

देश में साक्षरता बढाने के लिए सरकार कई नई योजनाओं को जन्म देती आई है. अब जम्मू कश्मीर सरकार ने 100 मोबाइल स्कूलों को मंजूरी दी है. ये मोबाइल स्कूल अपने आप में अनूठे होंगे.

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PATNA, SEP 7 (UNI):- EDUCATION FOR ALL: Students of Patna Women’s College making a human chain with slum children at college premises in Patna, for education to all children on Tuesday. UNI PHOTO - 93U Bildung für alle: Schülerinnen des Patna Women´s College bilden eine Menschenkette mit Kindern aus Slums in Patna, um auf das Recht aller Kinder auf Bildung in Indien aufmerksam zu machen, 7.9.2010
तस्वीर: UNI

इनका सिद्धांत कुछ वैसा हे जैसा कुएं का खुद चल कर प्यासे के पास आना. ये स्कूल खास तौर से उन समुदाय के लोगों के लिए तैयार किए जा रहे हैं जो अपने जानवरों के लिए चारे की खोज में एक से दूसरी जगह घूमते हैं. गुज्जर और बाकरवाल समुदाय के लोग कश्मीर वादी और जम्मू के बीच घूमते हैं.

Im Dorf Dunduwa gibt es heute eine Frühförderschule. So sollen die Dorfkinder auf die „richtige“ Schule vorbereitet werden. Foto: Helle Jeppesen für DW. Die Bilder stammen alle von Helle jeppesen selbst und wurden im August 2010 gemacht.
तस्वीर: DW

ये लोग आम तौर अपने बच्चों को स्कूल नहीं भेजते. इसकी वजह यह देते हैं कि क्योंकि वे किसी एक जगह पर हमेशा नहीं रुकते इसलिए बच्चों का दाखिला स्कूल में नहीं करा सकते. सरकार ने इसका समाधान यह निकाला कि अब जहां भी ये लोग जाएंगे, मोबाइल स्कूल उनके पीछे पीछे वहीं पहुंच जाएगा, यानी बच्चों का पढ़ाई से दूर रहने का कोई भी बहाना काम नहीं आएगा.

मेडिकल सेंटर भी

जम्मू कश्मीर के मुख्य मंत्री उमर अब्दुल्लाह ने मंगलवार को इस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी. एक सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि मुख्यमंत्री ऐसे ही और स्कूलों के बारे में भी सोच रहे हैं. साथ ही इन स्कूलों के लिए टीचर और अन्य जरूरी चीजों की व्यवस्था पर भी बात चल रही है.

School children during their recess at a school in Ranchi, Jharkhand on Thursday. The Right to Education Act that came into force has made free and compulsory education the right of every child between the age of 6 to 14 years old in India. Schulkinder in Ranchi, Jharkhand am 13.8.2010, die für ihr Rechta uf Bildung protestieren.
तस्वीर: UNI

इसके अलावा ओमर अब्दुल्लाह जल्द ही मोबाइल मेडिकल सेंटर लाने के बारे में भी सोच रहे हैं. ये मेडिकल सेंटर स्कूलों की ही तरह इन लोगों के साथ साथ घूमेंगे ताकि जरूरत पड़ने पर डॉक्टर पास ही हो. आम तौर पर अस्पताल दूर होने से ये लोग समय रहते डॉक्टर तक नहीं पहुंच पाते हैं. मुख्य मंत्री ने स्वास्थ्य विभाग को जल्द ही इस दिशा में काम शुरू करने के आदेश दे दिए हैं.

वैसे गुज्जर और बाकरवाल समुदाय के लोगों के लिए मोबाइल स्कूल बनाने का विचार ओमर अब्दुल्लाह के दादा शेख महोम्मद अंदुल्लाह का था. लेकिन आतंकवाद के चलते इसे पूरा नहीं किया जा सका.

रिपोर्ट: एजेंसियां/ईशा भाटिया

संपादन: आभा एम

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