जर्मन पुलिस में दक्षिणपंथी तत्वों की घुसपैठ
१७ सितम्बर २०२०जर्मन राज्य नॉर्थ राइन वेस्टफेलिया में पुलिस ने बुधवार को अपने ही कर्मचारियों के 34 घरों और दफ्तरों पर छापे मारे. राज्य के गृह मंत्री हेरबर्ट रॉएल ने बताया कि "सबसे घटिया और निंदनीय" सामग्री के सिलसिले में ये छापे मारे गए. कम से कम पांच ऐसे व्हाट्सएप चैट ग्रुप मिले हैं, जिनमें यह सामग्री फैलाई जा रही है. इनमें सबसे पुराना ग्रुप 2013 में बनाया गया था जबकि सबसे नया ग्रुप 2015 में बना था. इन ग्रुपों में कुल 126 फोटो मिले हैं जिनमें नाजी तानाशाह अडोल्फ हिटलर के अलावा शरणार्थियों को गैस चैंबर में दिखाने वाली कुछ काल्पनिक तस्वीरें भी हैं.
एसेन शहर के क्षेत्रीय पुलिस प्रमुख फ्रांक रिष्टर ने बताया कि वह इस बात पर स्तब्ध है कि आरोपियों में से किसी ने भी अपने वरिष्ठ अधिकारियों को यह जानकारी नहीं दी कि ऐसी तस्वीरें फैलाई जा रही हैं जबकि ये तस्वीरें उनके फोन में थीं. रिष्टर कहते हैं कि आरोपियों में किसी का भी व्यवहार संदेहास्पद नहीं था.
नॉर्थ राइन वेस्टफेलिया प्रांत में पुलिस प्रशिक्षण के प्रमुख ने बताया है कि सभी 29 अधिकारियों को निलंबित कर दिया गया है और उनके खिलाफ जांच होगी. रॉएल ने कहा कि इनमें 14 अधिकारियों को बर्खास्त किया जा सकता है जबकि सामग्री को सक्रिय रूप से फैलाने वाले 11 अन्य अधिकारियों के खिलाफ आपराधिक मामले में मुकदमा चलेगा. बाकी लोगों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई हो सकती है. इन 29 अधिकारियों में से 25 एसेन शहर के हैं, जो प्रांत में 5.83 लाख की आबादी वाला एक शहर है.
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बुधवार को एक प्रेस कांफ्रेंस में रॉएल ने संदिग्ध अधिकारियों के कथित धुर दक्षिणपंथी व्यवहार को 50 हजार सदस्यों वाले पुलिस बल के लिए "एक धब्बा" बताया. उन्होंने कहा, "नॉर्थ राइन वेस्टफेलिया के पुलिस बल में धुर दक्षिणपंथियों और नव नाजियों के लिए कोई जगह नहीं है. पहले तो मुझे यकीन ही नहीं हुआ कि ऐसा भी कुछ हो सकता है." रॉएल ने कहा कि इस मामले की छानबीन के लिए एक विशेष जांच आयुक्त नियुक्त किया जाएगा.
राज्य भर में छापे
बुधवार को एसेन में लगभग 200 पुलिस अधिकारियों ने छापे मारे. म्यूलहाइम अन डेयर रूअर, ओबरहॉएजन, मोएर्स और सेल्म जैसे शहरों में भी कई परिसरों की तलाशी ली गई. निजी फोनों के अलावा स्टोरेज डिवाइस पर भी "व्यापक" सबूत मिले हैं. रॉएल ने कहा कि जब्त फोनों की जांच हो रही है इसलिए कुछ और सामग्री निकल कर सामने आ सकती है. शुरुआती चैट ग्रुप वाला फोन 32 साल के एक पुलिस अधिकारी का है. उस पर यह सामग्री एक पत्रकार को भेजे जाने का संदेह है. पड़ताल की गई तो धुर दक्षिणपंथी सामग्री वाले कई फोटो मिले.
जर्मनी की दो बड़ी पुलिस यूनियनों के क्षेत्रीय प्रतिनिधियों ने पुलिस बल में दक्षिणपंथियों की गतिविधियों के मामले से खुद को अलग कर लिया है. क्षेत्रीय पुलिस यूनियन के चेयरमैन एरिष रेटिंगहाउस कहते हैं, "पुलिस को निष्पक्ष रहना चाहिए और हमेशा उदार लोकतांत्रकि नियमों के मुताबिक चलना चाहिए." वहीं जीडीपी यूनियन के क्षेत्रीय उपाध्यक्ष मिषाएल मात्स ने कहा, "दक्षिणपंथी अतिवाद के खिलाफ संघर्ष पुलिस के डीएनए में शामिल है. फिर भी कुछ अधिकारियों ने चैट ग्रुपों में दक्षिणपंथी घृणा फैलाने वाली सामग्री शेयर की है, जो नाकाबिले बर्दाश्त है."
एके/एमजे (एएफपी, डीपीए, रॉयटर्स)
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