जर्मनी का पूर्वी हिस्सा शरणार्थियों के लिए असुरक्षित
२५ फ़रवरी २०१९यूरोपियन इकोनॉमिक रिसर्च (ZEW) के शोधकर्ताओं ने 2013 और 2015 के बीच हुई 1,155 घटनाओं का अध्ययन किया है. इस दौरान उन्होंने पाया कि पूर्वी जर्मनी के पूर्वी इलाके में शरण लेने वालों के खिलाफ नफरत से भरे अपराध होने की संभावना 10 गुना अधिक है. लाइबिनिज सेंटर फॉर यूरोपियन इकोनॉमिक रिसर्च ने पाया कि चेक बॉर्डर के पास सैक्सोन स्विट्जरलैंड ओस्टर्जगेबिर्गे प्रशासनिक जिले में तीन साल में आप्रवासियों पर सबसे अधिक 9.76 फीसदी हमले हुए. इसके बाद पूर्वोत्तर जिला उकेरमार्क आता है. यह इलाका पोलिश सीमा के पास बसा है और ब्रैंडनबर्ग राज्य में आता है. तीसरे स्थान पर लाइपजिग के पास सैक्सोनी अनहाल्ट राज्य का सालेक्रीज जिला है.
नए चहरों से कम जान पहचान
ये तीनों इलाके जर्मनी एकीकरण से पहले सोवियत-नियंत्रित देश पूर्वी जर्मनी का हिस्सा थे. इस हिस्से में परंपरागत रूप से पश्चिम की तुलना में कम आप्रवासी आते थे. अध्ययन के अनुसार, जर्मनी में 118 जिले हैं जिनमें एक भी हमले की वारदात नहीं हुई हैं. इनमें देश के पूर्वी इलाके के सिर्फ चार जिले हैं. अध्ययन के लेखकों के मुताबिक, ऐसे अपराध उन इलाकों में ज्यादा हुए हैं जहां के निवासियों को आप्रवासियों का कम अनुभव है. जर्मनी के पश्चिमी हिस्से के समाज को लंबे समय से विदेशियों के साथ रहने और काम करने का अनुभव है. पश्चिमी इलाके 1960 के दशक में आए तुर्कों की भी बड़ी संख्या रहती है.
आर्थिक मुद्दे
लेखकों ने कहा कि इस मामले में आर्थिक स्थिति की भूमिका काफी कम है. उन्होंने जोर देते हुए बताया कि विदेशियों के खिलाफ घृणा अपराधों में "मुख्य रूप से कोई आर्थिक मकसद नहीं होता है." शोधकर्ताओं का कहना है कि आर्थिक सुधारों पर ध्यान केंद्रित करने के बजाए शरणार्थियों की दुर्दशा को लेकर स्थानीय लोगों में जागरूकता और दया बढ़ाने की जरूरत है. लेखकों ने यह भी कहा कि घृणित अपराध उन क्षेत्रों में अधिक होने की संभावना है जहां ऐसे अपराध पहले हो चुके है और जहां दूसरे देशों से आए हुए लोगों से पहले से नफरत की जाती हैं. अध्ययन के अनुसार, घृणा अपराधों में अभद्र भाषा, आक्रामक ग्रैफिटी, शारीरिक हमला और आगजनी शामिल हैं.
एनआर/रिचर्ड कॉनर