जर्मनी चोटी का राष्ट्रीय ब्रांड
२८ दिसम्बर २०१४ब्रिटिश दैनिक द टाइम्स ने चांसलर अंगेला मैर्केल को पूरब और पश्चिम के विवाद में उनकी मध्यस्थता के लिए 2014 की शख्सियत चुना. "अपरिहार्य" नाम वाले अपने लेख में अखबार ने रूसी राष्ट्रपति व्लादीमिर पुतिन पर उनके प्रभाव की सराहना की है.
इंटरनेट यूजर्स के बीच 20 देशों में कराए गए सर्वे में पाया गया कि औद्योगिक और विकासशील देशों के बीच जर्मनी की ब्रांड छवि सबसे अच्छी है. हर देश में कम से कम 1000 लोगों को सर्वे में शामिल किया गया. एनहोल्ट जीएफके सर्वे के अनुसार इसकी वजह मुख्य रूप से इस साल खेल के क्षेत्र में जर्मनी की कामयाबी थी. जर्मन फुटबॉल टीम ने इस साल ब्राजील में हुई वर्ल्ड कप चैंपियनशिप जीती.
पिछले साल बीबीसी वर्ल्ड सर्विस के एक सर्वे में जर्मनी को सबसे सकारात्मक तरीके से देखा जाने वाला देश चुना गया था. बीबीसी ने इसके लिए दुनिया भर में 26,000 लोगों का सर्वे किया था और पूछा था कि वे किन देशों को सकारात्मक या नकारात्मक देखते हैं. 59 फीसदी ने जर्मनी की सकारात्मक रेटिंग की.
संचार कंसल्टेंट सिमोन एनहोल्ट और जर्मनी की मार्केटिंग रिसर्च कंपनी जीएफके द्वारा कराए जाने वाले सर्वे में लोगों से छह श्रेणियों में देशों की छवि मापने को कहा जाता है, जिसका आकलन कर देशों का ब्रांड वैल्यू निकाला जाता है. भागीदारों से देशों के उद्यमों और उत्पादों की क्वालिटी, पर्यटन की लायक होने और खेल और संस्कृति के क्षेत्र में उपलब्धियों के बारे में पूछा जाता है. इसके अलावा सरकार की कुशलता, निवेश या रहने की परिस्थितियों और ग्लोबल समस्याओं के निबटारे में उस देश की भूमिका के बारे में भी पूछा जाता है.
खेल के क्षेत्र में मिली कामयाबी के अलावा जर्मनी को यूरोप में नेतृत्व की भूमिका, मजबूत अर्थव्यवस्था और अंतरराष्ट्रीय मंच पर राजनीतिक जिम्मेदारी लेने का भी लाभ मिला. जर्मनी की अंतरराष्ट्रीय लोकप्रियता की एक वजह यह भी है कि जर्मन पर्यटन के मामले में विश्व चैंपियन हैं. सालाना छुट्टी के मामले में 2014 में रिकॉर्ड बनाने के बाद अगले साल उसमें और वृद्धि की उम्मीद है. जर्मन पर्यटन उद्योग के अनुसार इस साल 8 करोड़ की आबादी वाले जर्मनी के लोगों ने 160 करोड़ दिन पर्यटन पर बिताए यानि प्रति व्यक्ति औसत 20 दिन.
अगले साल इसमें दो फीसदी की वृद्धि होने का अनुमान है. इसमें जर्मनी की अच्छी अर्थव्यवस्था का भी योगदान है. यूरोप की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था में रहने वाले लोगों की क्रयशक्ति में अगले साल पौने तीन फीसदी का इजाफा होने का अनुमान है. हर किसी के पास खर्च करने के लिए औसत 572 यूरो अतिरिक्त होंगे. जीएफके के अनुसार अगले साल होने वाली वेतन वृद्धि के बाद लोगों के पास सालाना औसत 21,449 यूरो की क्रयशक्ति होगी.
एमजे/एजेए (डीपीए, एएफपी)