जर्मनी में परमाणु कचरे की ढुलाई का विरोध
६ नवम्बर २०१०फ्रांस में परमाणु विरोधियों को छकाते हुए ट्रेन का रास्ता बदल दिया गया ताकि वो ट्रेन के सफर में बाधा न डाल सकें. शनिवार को 8 अतिसुरक्षित स्टील के कंटेनरों वाली ट्रेन ने विरोध प्रदर्शनों के बीच केल में फ्रांसीसी जर्मन सीमा पार की. उसी समय जर्मन प्रदेश लोवर सेक्सनी के डानेनबर्ग में दसियों हजार परमाणु विरोधियों ने जर्मन सरकार की परमाणु ऊर्जा नीति और परमाणु कचरे के परिवहन के विरोध में प्रदर्शन किया.
विरोध प्रदर्शन के आयोजक इसे 1995 के बाद सबसे बड़ा प्रदर्शन बता रहे हैं. उन्होंने 50 हजार लोगों के प्रदर्शन में शामिल होने का दावा किया है जबकि पुलिस इसे 10 हजार से कुछ अधिक बता रही है. आयोजकों का कहना है कि प्रदर्शनकारी 400 बसों में भरकर सारे देश से डानेनबर्ग पहुंचे हैं. इसके अलावा सैकड़ों किसान अपने अपने ट्रैक्टरों में सवार हो रैली में पहुंचे.
छिटपुट मामलों को छोड़कर शनिवार शाम तक पुलिस और परमाणु विरोधियों के बीच कोई झड़प नहीं हुई है. इसके बावजूद जर्मन चांसलर अंगेला मैर्केल ने प्रदर्शनकारियों को कानून न तोड़ने की चेतावनी दी है और परमाणु कचरे के लिए अंतिम गोदाम बनाने के अपनी सरकार के फैसले को उचित ठहराया है.
फ्रांस के ला आग के परमाणु संयंत्र से परमाणु कचरा लेकर आ रही कास्टर ट्रेन लोवर सेक्सनी के गोरलेबेन की तरफ बढ़ रही है. उसमें जर्मनी के परमाणु बिजलीघरों का 154 टन अत्यंत रेडियोधर्मी परमाणु कचरा है जिसे रिसाइक्लिंग के लिए फ्रांस भेजा गया था. डानेनबर्ग पहुंचने के बाद कंटेनरों को ट्रकों पर लाद कर 20 किलोमीटर दूर भूमिगत गोदाम में पहुंचाया जाएगा. उसके सोमवार तक गोरलेबेन पहुंचने की संभावना है.
परमाणु कचरा लेकर जा रही ट्रेन की सुरक्षा के लिए 16 हजार पुलिसकर्मियों को लगाया गया है.
रिपोर्ट: एजेंसियां/महेश झा
संपादन: एन रंजन