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जर्मनी में परमाणु बिजलीघरों की उम्र बढ़ी

६ सितम्बर २०१०

जर्मनी में परमाणु बिजलीघर बंद करने की समयसीमा आठ से 14 साल बढ़ा दी गई है. जर्मनी की गठबंधन सरकार इस बात के लिए राजी हो गई है. लंबी बैठक के बाद फैसला हुआ. विपक्षी पार्टियां और पर्यावरणविद इस कदम के खिलाफ हैं.

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अधिकारियों का कहना है कि जर्मनी के 17 परमाणु बिजलीघरों को दो अलग अलग श्रेणियों में बांटा गया है और जिस साल में उनका निर्माण हुआ, चांसलर अंगेला मैर्केल की सरकार ने उसी आधार पर उन्हें बंद करने की तारीख तय की है. जिन संयंत्रों को 1980 के बाद बनाया गया, उन्हें बंद करने की समयसीमा 14 साल के लिए बढ़ा दी गई है.इससे पुराने संयंत्रों को आठ साल का अतिरिक्त समय दे दिया गया है.

पूर्व चांसलर गेरहार्ड श्रोएडर के वक्त तय हुआ था कि जर्मनी के परमाणु बिजलीघर बंद कर दिए जाएंगे. जर्मनी के पर्यावरण मंत्री नॉर्बर्ट रोएटगन और आर्थिक मामलों के मंत्री राएनर ब्रूडरले ने रविवार देर रात इस बात की पुष्टि की कि बिजलीघरों को बनाए रखने पर सहमति बन गई है.

Demonstrationen gegen Atomkraft in Brokdorf
परमाणु बिजलीघर की आयु बढ़ाने का विरोधतस्वीर: AP

गठबंधन सरकार में इस बात पर भी सहमति बन गई कि जो कंपनियां परमाणु बिजलीघर की ऊर्जा की सप्लाई करेंगे, उन पर 2.3 अरब यूरो सालाना का टैक्स लगाया जाएगा. हालांकि औद्योगिक घरानों ने इसका विरोध किया और फिर तय हुआ कि यह टैक्स सिर्फ छह सालों के लिए ही लगेगा.

देश के बिजलीघरों की उम्र बढ़ाने के लिए हुई बैठक 10 घंटे से भी ज्यादा चली. चांसलर अंगेला मैर्केल ने सहयोगी पार्टी एफडीपी के गीडो वेस्टरवेले और दूसरे नेताओं के साथ बैठक की. बाहर विरोध प्रदर्शनों का सिलसिला भी चलता रहा. कुछ प्रदर्शनकारियों ने हाथों में तख्तियां ले रखी थीं, "परमाणु बिजलीः सिर्फ जोखिम ही सुरक्षित." रविवार की बैठक में परमाणु बिजलीघरों का काम 10 से 15 साल तक बढ़ाने पर चर्चा हुई.

करीब 10 साल पहले 2000 में पूर्व चांसलर गेरहार्ड श्रोएडर के कार्यकाल में तय हुआ था कि जर्मनी के सभी परमाणु बिजलीघरों को 2021 तक बंद किए जाएंगे. मैर्केल चाहती थीं कि इसकी मीयाद 10-15 साल बढ़ा दी जाए ताकि तब तक फिर से इस्तेमाल की जा सकने वाली बिजली प्रचलित हो जाए. उन्होंन बढ़ाई गई समयसीमा को पुल का नाम दिया.

पिछले हफ्ते एक सरकारी रिपोर्ट में कहा गया कि परमाणु बिजली के बगैर जर्मनी अपने उस वादे को पूरा नहीं कर सकता, जिसके तहत उसे साल 2050 तक कार्बन डायऑक्साइड का उत्सर्जन 1990 के स्तर के 80 प्रतिशत पर लाना है.

विपक्षी पार्टियों और पर्यावरणविदों का कहना है कि मैर्केल की सरकार परमाणु लॉबी के सामने झुक गई. विपक्षी पार्टी एसपीडी के जिगमार गाबरियल ने कहा, "जर्मनी की सरकार बिना किसी वजह से जर्मनी के सबसे बड़े सामाजिक विवाद को हवा दे रही है." सर्वेक्षणों में पता लगता है कि ज्यादातर जर्मन नागरिक परमाणु बिजलीघरों को बंद करने के हक में हैं. जर्मनी में 17 चालू परमाणु बिजलीघर हैं, जिनसे देश की 22.6 प्रतिशत बिजली का उत्पादन होता है.

जर्मन संसद के ऊपरी सदन बुंडेसराट में मध्य-दक्षिणपंथ गठबंधन बहुमत में नहीं है. इसलिए इस प्रस्ताव का पास होना मुश्किल हो सकता है.

रिपोर्टः एजेंसियां/ए जमाल

संपादनः एन रंजन

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