जापान की मुसीबत में मदद करने उमड़ी दुनिया
१३ मार्च २०११जापान पर आई मुसीबत ने दुनिया को सब कुछ भूल उसकी मदद के लिए सोचने पर विवश कर दिया है. जापान के पड़ोसियों समेत दूर दराज के देश भी उसकी मदद करने में जुट गए हैं. भारत से राहत का सामान लेकर पहला विमान रविवार को उड़ान भरने के लिए तैयार है. लाखों लोगों को अपना घर छोड़ना पड़ा है. ऐसे में सबसे पहले भारत कंबलों की खेप जापान भेज रहा है. विदेश सचिव निरुपमा राव ने बताया, "जापान के राजदूत से दिल्ली में बात करने के बाद महसूस हुआ कि फिलहाल वहां लोग खराब ठंडे मौसम से जूझ रहे हैं ऐसे में कंबल बेहद उपयोगी साबित होगा इसलिए सबसे पहले कंबल भेजने का फैसला किया गया है."
जापान भेजने के लिए पंजाब और हरियाणा से अच्छे किस्म के कंबल मंगाए गए हैं. इसके साथ ही विदेश मंत्रालय लगातार जापान के दूतावास के संपर्क में हैं ताकी उनकी जरूरतों के बारे में जानकारी हासिल कर मदद भेजी जा सके.
संयुक्त राष्ट्र
संयुक्त राष्ट्र ने अपना एक प्रतिनिधिमंडल वहां भेज दिया है जो राहत के कामों में अलग अलग देशों के बीच सामंजस्य बिठाने का काम करेगा. इस गुट में संयुक्त राष्ट्र के आपदा राहत अधिकारियों के अलावा जापानी भाषा बोलने वाले और पर्यावरण के जानकार लोग हैं.
अमेरिका
अमेरिका का परमाणु क्षमता से लैस विमानवाही पोत यूएसएस रोनाल्ड रीगन राहत कामों में मदद के लिए जापान पहुंच गया है. ये अमेरिकी नौसेना के और जहाज भी जल्दी ही जापान में राहत के काम के लिए पहुंचने वाले हैं. टोक्यो में मौजूद अमेरिका दूतावास ने तत्काल सहायता के रूप में एक लाख अमेरिकी डॉलर की रकम दी है. अमेरिका ने ये भी कहा है कि वो जरूरत के हिसाब से हर तरह की मदद देने के लिए तैयार खड़ा है. इसके अलावा अंतरराष्ट्रीय विकास की अमेरिकी एजेंसी यूएसएड की तरफ से खोजी और बचाव टीमों को यहां भेजा गया है. 150 अधिकारियों और 12 कुत्तों से लैस ये टीम फंसे हुए लोगों की तलाश कर उन्हें राहत देने के काम में जुटी है. इसके अलावा फुकुशिमा परमाणु बिजली घर पर आए संकट में मदद के लिए दो अमेरिकी परमाणु विज्ञानिकों को भी भेजा गया है.
दक्षिण कोरिया
दक्षिण कोरिया ने दो खोजी कुत्ते और पांच अधिकारियों की एक टीम भेजी है. अगर जापान ने कहा तो दक्षिण कोरिया 200 राहतकर्मयियों की टीम भेजने की तैयारी में है जो बचाव और राहत का काम देखेंगे. दक्षिण कोरिया की वायु सेना के तीन जहाज जापान तक राहत पहुंचाने के लिए तैयार खड़े हैं.
फ्रांस
फ्रांस विशेषज्ञों की एक टीम भेजने की तैयारी में है जिसमें 100 नागरिक सुरक्षा विभाग के अधिकारी और दमकल विभाग के कर्मचारी हैं. फ्रांस 49 टन राहत सामग्री और 12 कुत्ते भी भेज रहा है.
ऑस्ट्रेलिया
ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री जूलिया गिलार्ट ने कहा है कि वो जापान की हर तरह से मदद के लिए तैयार हैं. राहत और बचाव के कामों में मदद के लिए ऑस्ट्रेलियाई राहतकर्मियों का एक दल पहले ही जापान पहुंच चुका है.
स्विटजरलैंड
स्विटजरलैंड ने 9 खोजी कुत्तों और 25 राहतकर्मियों की एक टीम भेजी है ये लोग मलबों के नीचे दबे जीवित लोगों की तलाश करेंगे. स्विटजरलैंड में मलबों के नीचे दबे लोगों को ढूंढने की एक खास सैन्य एजेंसी है जिसमें इंजीनियरिंग, सिस्मोलॉजी, टेलिकम्युनिकेशन और दूसरे जरूरी विभागों के जानकार शामिल हैं.
ब्रिटेन
ब्रिटेन ने कहा है कि वो 2 कुत्तों और 63 राहतकर्मियों का एक दल रवाना कर रहा है. इसके साथ ही 11 टन राहत का सामान भी भेज जा रहा है. ब्रिटेन से भारी चीजों को उठाने वाली और धातुओं, कंक्रीट को काटने वाली मशीनें भी भेजी जा रही हैं.
थाईलैंड
थाईलैंड ने 1 लाख 65 हजार अमेरिकी डॉलर की तत्काल सहायता भेज दी है और कहा है कि वो नुकसान का पता चलने के बाद और मदद भेजेगा.
चीन
चीन की तरफ से 15 सदस्यों वाला एक बचाव दल भेजा गया है. चीन ने कहा है कि उन्होंने स्थिति पर नजर रखी हुई है और वो आगे और जरूरत के हिसाब से आगे और मदद भेजेंगे.
सिंगापुर
सिंगापुर की तरफ से भी बचाव और राहतकर्मियों का एक दल भेजा गया है.
रिपोर्टः एजेंसियां/एन रंजन
संपादनः ईशा भाटिया