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जूता फेंको, पत्थर नहीं: उमर अब्दुल्लाह

१५ अगस्त २०१०

स्वतंत्रता दिवस समारोह के दौरान जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्लाह पर जूता फेंका गया. झंडे को सलामी देते वक्त जम्मू कश्मीर पुलिस के कर्मचारी ने फेंका जूता. उमर ने कहा, जूता फेंको लेकिन पत्थर मत उठाओ.

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तस्वीर: UNI

भारत प्रशासित राज्य जम्मू कश्मीर की राजधानी श्रीनगर में कड़ी सुरक्षा के बीच स्वतंत्रता दिवस समारोह मनाया गया. राजकीय समारोह में मुख्यमंत्री, मंत्री और वरिष्ठ पुलिस अधिकारी मौजूद रहे. लेकिन इसी दौरान झंडा फहराते ही वीपीआई एरिया से मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्लाह पर जूता फेंका गया. जूता उमर को नहीं लगा लेकिन उनके सामने से निकल गया.

जूता फेंकने वाला शख्स जम्मू कश्मीर पुलिस का कर्मचारी बताया जा रहा है. यह पहला मौका है जब राज्य पुलिस का कोई कर्मचारी सरकार के खुले विरोध में आया है. विरोध करने पहुंचे इस शख्स ने समारोह के दौरान काला झंडा भी दिखाया और आजादी के नारे भी लगाए. हालांकि जूता फेंके जाने से मुख्यमंत्री ने आपा नहीं खोया. उन्होंने झंडे को सलामी देना जारी रखा.

Indien Kashmir Gewalt
भारतीय कश्मीर में तनावतस्वीर: AP

इसके बाद उमर ने राज्य की बिगड़ी हालत पर फोकस किया. उन्होंने कहा, ''आप जूता फेंक सकते हैं लेकिन पत्थर मत फेंकिए. यह किसी समस्या का समाधान नहीं है.'' मुख्यमंत्री ने लोगों से फिर हिंसा का रास्ता छोड़ने की अपील की.

उन्होंने केंद्र को भी आगाह किया. जनता को संबोधित करते हुए उमर ने कहा कि, ''केंद्र स्वायत्तता की बात कर रहा है, दूसरी भी मांगे हैं. सब पर विचार होगा, लेकिन हिंसा बंद होनी चाहिए.'' मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार को भी कश्मीर के लिए किए गए वादों को याद रखना होगा.

भारत प्रशासित कश्मीर में इस साल जून से भारी तनाव है. राज्य में आए दिन हिंसक विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं. बीते दो महीनों में ही कम से कम 57 लोग मारे गए हैं. इनमें बड़ी संख्या में युवा, किशोर और बच्चे हैं. महिलाएं भी प्रदर्शन कर रही है. लोगों की नाराजगी भारतीय स्वतंत्रता दिवस के दिन भी दिखाई दी. अलगाववादियों की अपील पर श्रीनगर का ज्यादातर बाजार बंद रहा.

रिपोर्ट: पीटीआई/ओ सिंह

संपादन: महेश झा

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