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डेनमार्क के खिलाड़ियों पर ट्वीट प्रतिबंध

२४ अप्रैल २०१२

सोशल मीडिया पर एक प्रस्ताव ने डेनमार्क में हंगामा मच रखा है. डेनमार्क के फुटबॉल खिलाड़ियों को यूरोपीय चैंपियनशिप के दौरान सोशल मीडिया का इस्तेमाल न करने की हिदायत दी जा रही है.

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तस्वीर: twitter.com

डेनमार्क के फुटबॉल संघ डीबीयू ने कहा है कि उसकी इस मामले पर खिलाड़ियों के साथ सहमति हो गई है, लेकिन पेशेवर खिलाड़ियों के संगठन ने इस फैसले पर सवाल किए हैं. खिलाड़ियों के संगठन के प्रमुख माड्स ओलांड ने कहा है कि इसकी जरूरत नहीं थी. डेनमार्क के संस्कृति मंत्री उफे एलबेक ने कहा, "यह मेरी समझ से बाहर है. यह लोगों के अभिव्यक्ति के अधिकार को सीमित करता है, इसलिए मुझे पसंद नहीं है."

इस बीच डेनमार्क फुटबॉल संघ के प्रवक्ता लार्स बेरेंट ने कहा है कि खिलाड़ियों के साथ हुआ समझौता कोई नया नहीं है. उन्होंने कहा कि कोच मोर्टन ओलसेन नहीं चाहते कि जब राष्ट्रीय टीम इकट्ठा हो तो खिलाड़ी अपने ट्विटर या फेसबुक अकाउंट का इस्तेमाल करें.

Flash-Galerie Teilnehmer der Fußball-Europameisterschaft 2012 Dänemark
तस्वीर: picture alliance / Pressefoto ULMER/Andreas Schaad

लिवरपुल के लिए खेलने वाले डैनियल आगर ने कहा है कि वे फैसले को स्वीकार करते हैं. आगर ने एक अखबार को बताया, "यह कोच का फैसला है, बस ठीक है." आगर का कहना है कि वे ट्विटर या फेसबुक का इस्तेमाल नहीं करते और वे यह नहीं समझते कि कोई अपनी जिंदगी को इंटरनेट पर पोस्ट क्यों करे?

हालांकि राष्ट्रीय टीम में बहुत से खिलाड़ी हैं जो नियमित रूप से सोशल मीडिया का इस्तेमाल करते हैं और ट्वीट भी करते हैं. इनमें टीम के गोलकीपर और स्टोक सिटी के लिए खेलने वाले थोमास सोरेनसेन. अपने ट्विटर अकाउंट पर उन्होंने ट्वीट किया है, एक समय हुआ करता था जब हम ट्विटर के बिना जीते थे, और हम ऐसा यूरोपीय चैंपियनशिप के दौरान भी कर सकते हैं.

खिलाड़ियों के अनुशासन के तौर पर कोच का फैसला भले ही मान लिया हो, लेकिन डेनमार्क में इस पर बहस जारी रहेगी कि क्या सोशल मीडिया के जमाने में इस तरह के फैसले उचित हैं.

एमजे/एनआर (डीपीए)

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