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तस्करी ने छीन लिए हाथियों के दांत

२२ अक्टूबर २०२१

एक नए शोध में सामने आया है कि अफ्रीका के मोजाम्बिक में सालों से चल रहे गृहयुद्ध और तस्करी की वजह से हाथियों की एक बड़ी आबादी के कभी भी दांत नहीं उग पाएंगे.

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Elefanten  Limpopo Provinz Südafrika
तस्वीर: James Oatway

भारी भारी दांत अमूमन हाथियों के लिए फायदेमंद होते हैं. इनका इस्तेमाल कर वो पानी के लिए मिट्टी खोद सकते हैं, खाने के लिए पेड़ों की छाल को उतार सकते हैं और दूसरे हाथियों के साथ खेल खेल में भिड़ भी सकते हैं.

लेकिन हाथी दांत की भारी तस्करी के माहौल में बड़े दांत बोझ बन जाते हैं. शोधकर्ताओं ने दिखाया है कि मोजाम्बिक में गृहयुद्ध और तस्करी ने बड़ी संख्या में हाथियों को दांतों से वंचित ही कर दिया है.

जीन करते हैं निर्धारित

1977 से 1992 तक चली लड़ाई के दौरान दोनों तरफ के लड़ाकों ने हाथियों को मारा ताकि उनके दांतों से जंग के खर्च का इंतजाम हो सके. आज गोरोंगोसा राष्ट्रीय उद्यान के नाम से जाने जाने वाले इलाके में करीब 90 प्रतिशत हाथियों को मार दिया गया था.

Kambodscha beschlagnahmte mehr als 3,2 Tonnen Elefantenzähne
कंबोडिया में जब्त किए गए मोजाम्बिक से आए 3.2 टन हाथीदांततस्वीर: Getty Images/AFP/Ban Chork

युद्ध के पहले जहां हाथियों की कुल आबादी के सिर्फ पांचवें हिस्से के बराबर हाथियों के दांत नहीं थे, युद्ध के बाद जो बच गए उनमें से लगभग आधी हथिनियां प्राकृतिक रूप से बिना दांतों के थीं. उनके दांत कभी उगे ही नहीं.

इंसानों में आंखों के रंग की तरह ही, हाथियों को अपने माता पिता से विरासत में दांत मिलेंगे या नहीं यह जीन निर्धारित करते हैं. अफ्रीका के हाथियों में दांतों का ना होना कभी दुर्लभ था लेकिन आज ये वैसे ही सामान्य हो गया है जैसे आंखों का कोई दुर्लभ रंग कभी बहुतायत में मिलने लगे.

सालों तक किया अध्ययन

युद्ध के बाद जीवित बचीं उन बिना दांतों की हथिनियों से उनके जीन उनके बच्चों में चले गए जिसके नतीजे कुछ अपेक्षित भी थे और कुछ चौंकाने वाले भी. उनकी बेटियों में से करीब आधी दंतहीन थीं. और ज्यादा हैरान करने वाली बात यह थी कि उनके बच्चों में से दो-तिहाई मादा निकलीं.

Mosambik - Gorongosa National Park
गोरोंगोसा राष्ट्रीय उद्यानतस्वीर: Getty Images/AFP/J. Wessels

प्रिंसटन विश्वविद्यालय के इवोल्यूशनरी बायोलॉजिस्ट शेन कैंपबेल-स्टैटन कहते हैं कि सालों की अशांति ने "उस आबादी के क्रम विकास को ही बदल दिया." वो अपने सहकर्मियों के साथ यह जानने के लिए निकल पड़े कि हाथी दांत के व्यापार के दबाव ने कैसे प्राकृतिक चुनाव के संतुलन को हिला दिया.

उनके शोध के नतीजे हाल ही में साइंस पत्रिका में छपे हैं. मोजाम्बिक में बायोलॉजिस्ट डॉमिनिक गोंसाल्वेस और जॉयस पूल समेत शोधकर्ताओं ने राष्ट्रीय उद्यान के करीब 800 हाथियों का कई सालों तक अध्ययन किया और माओं और उनके बच्चों की एक सूची बनाई.

पूल कहते हैं, "मादा बच्चे अपनी माओं के साथ ही रहते हैं और एक उम्र तक नर बच्चे भी ऐसा ही करते हैं." पूल गैर लाभकारी संस्था एलिफैंट वॉइसेस के वैज्ञानिक निदेशक और सह-संस्थापक हैं.

चौंकाने वाले नतीजे

पूल ने इससे पहले भी यूगांडा, तंजानिया और केन्या जैसी जगहों पर भी हाथियों में अनुपातहीन रूप से ज्यादा संख्या में दंतहीन हथिनियों को देखा था. इन जगहों पर भी बहुत तस्करी हुई थी. पूल ने बताया, "मैं लंबे समय से यह सोच रहा हूं कि मादाएं ही क्यों दंतहीन होती हैं."

Limpopo Province Afrikanische Elefanten
इंसानी गतिविधियां दूसरे जीवों के क्रम विकास को बदल रही हैंतस्वीर: James Oatway

गोरोंगोसा में टीम ने सात दांत वाली और 11 दंतहीन हथिनियों के खून के सैंपल लिए और फिर उनके बीच में अंतर का पता लगाने के लिए उनके डीएनए की समीक्षा की. इस डाटा से उन्हें थोड़ा अंदाजा मिला कि आगे कैसे बढ़ा जाए.

शोधकर्ताओं ने एक्स क्रोमोजोम पर ध्यान लगाया क्योंकि मादाओं में दो एक्स क्रोमोजोम होते हैं जबकि नारों में एक एक्स और एक वाई होता है. उन्हें यह भी शक था कि संभव है मादामों को दंतहीन होने के लिए एक ही जीन की जरूरत होती हो और अगर ये नर भ्रूणों में चला जाए तो ये उनके विकास को ही रोक सकता है.

शोध के सह लेखक और प्रिंसटन में इवोल्यूशनरी बायोलॉजिस्ट ब्रायन आरनॉल्ड ने बताया, "जब माएं इस जीन को आगे दे देती हैं, हमें लगता है कि तब बेटों की गर्भ में ही जल्दी मृत्यु हो जाती है."  

कनाडा के विक्टोरिया विश्वविद्यालय में कंजर्वेशन साइंटिस्ट क्रिस डैरिमोंट कहते हैं, "उन्होंने जेनेटिक बदलावों का जबरदस्त सबूत पेश किया है." डैरिमोंट खुद इस शोध का हिस्सा नहीं थे. उन्होंने आगे कहा कि इस शोध से "वैज्ञानिकों और आम लोगों को यह समझने में मदद मिलेगी कि कैसे हमारे समाज का दूसरे प्राणियों के क्रम विकास पर भारी असर पड़ सकता है."

सीके/एए (एपी)

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