तीन धर्म एक छत
जर्मनी की राजधानी बर्लिन में एक प्रोजेक्ट के जरिए तीन धर्मों को एक छत के नीचे एक किया जा रहा है. यहां मुसलमान, कैथोलिक और यहूदी धर्मावलम्बी एक ही जगह प्रार्थना कर सकेंगे. यह प्रार्थनागृह आम लोगों के चंदे से बनेगा.
एक छत के नीचे
बर्लिन में जल्द ही एक ऐसी जगह होगी जहां तीन धर्मों के लोग एक ही छत के नीचे प्रार्थना और ईश वंदना कर सकेंगे. यह प्रार्थना भवन तीन अब्राहमी धर्मों इस्लाम, ईसाइयत और यहूदियों को एक साथ लाएगा.
तीन की पहल
हाउस ऑफ वन के विचार को पास्टर ग्रेगोर होबैर्ग, रब्बी तोविया बेन-चोरिन और इमाम कादिर सांची अमली जामा पहना रहे हैं. कादिर सांची का कहना है कि तीनों धर्म अलग अलग रास्ता लेते हैं लेकिन लक्ष्य एक ही है.
इतिहास वाली जगह
जहां इस समय साझा प्रार्थना भवन बन रहा है वहां पहले सेंट पेट्री चर्च था जिसे शीतयुद्ध के दौरान नष्ट कर दिया गया. आर्किटेक्ट ब्यूरो कुइन मालवेजी ने हाउस ऑफ वन बनाने के लिए चर्च के फाउंडेशन का इस्तेमाल किया है.
शुरुआती संदेह
शुरू में कोई मुस्लिम संगठन इस प्रोजेक्ट में शामिल नहीं होना चाहता था. बाद में तुर्की के मॉडरेट मुसलमानों का संगठन एफआईडी राजी हो गया. उन्हें दूसरे इस्लामी संगठनों के उपहास का निशाना बनना पड़ा.
आलोचना का निशाना
इस प्रोजेक्ट को नियमित रूप से आलोचना का निशाना बनाया गया है. कैथोलिक गिरजे के प्रमुख प्रतिनिधि मार्टिन मोजेबाख को शिकायत है कि इमारत की वास्तुकला इसकी धार्मिकता का प्रतिनिधित्व नहीं करती.
चंदे पर भरोसा
हाउस ऑफ वन प्रोजेक्ट के संचालक इसके विकास में आम लोगों की भूमिका के महत्व से वाकिफ हैं. इसलिए वे चंदे पर भरोसा कर रहे हैं. इमारत बनाने में 43.5 लाख ईंटें लगेंगी. हर कोई इन्हें खरीद सकता है.
शांति की कोशिश
इस प्रोजेक्ट के कर्णधारों की उम्मीद है कि नई इमारत तीनों धर्मों के लोगों के बीच सांस्कृतिक आदान प्रदान का केंद्र बनेगी और इसकी वजह से पारस्परिक आदर पैदा होगा. पड़ोसी के बारे में जानना उन्हें करीब लाता है.